अहातों पर प्रतिबंध के बावजूद शराब ठेकों के पास खुले आम अघोषित रुप से चल रहे…………

जबलपुर यशभारत। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शराब दुकानों के आसपास अहातों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद जबलपुर जिले में इस आदेश का ज़मीनी असर दिखाई नहीं दे रहा है। शासन की स्पष्ट हिदायत के बावजूद जिले के कई शराब ठेकेदारों ने अपने ठेकों के समीप खुलेआम अहाते जैसी अवैध व्यवस्था बना रखी है, जहाँ हर शाम शराबियों की भीड़ उमड़ती है। स्थानीय नागरिकों की शिकायत है कि इन स्थलों पर शराबी न केवल खुलेआम मद्यपान करते हैं, बल्कि सड़क पर खड़े होकर गाली-गलौज, छींटाकशी और झगड़े करते हैं, जिससे खासकर महिलाओं, छात्राओं और परिवारों को शर्मिंदगी और असुरक्षा का सामना करना पड़ता है।
प्रभावित क्षेत्र:
संस्कारधानी कहे जाने वाले इस शहर में रसल चौक, गोरखपुर, विजय नगर, मदन महल आईएसबीटी के आसपास स्टेशन रोड, दमोह नाका, अधारताल, रांझी और सदर बाजार जैसे क्षेत्रों में शराब ठेकों के पास ऐसी स्थिति आम देखी जा सकती है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पाटन, शहपुरा, कुंडम और मझौली जैसे कस्बों में भी स्थानीय लोग लंबे समय से इन गतिविधियों से परेशान हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि इन जगहों पर शाम होते ही सड़क किनारे गाड़ियों की अवैध पार्किंग, लाउड म्यूज़िक, झगड़े और यहां तक कि राहजनी जैसी घटनाएं भी होने लगी हैं। कई बार पुलिस को बुलाना पड़ता है, लेकिन कार्रवाई नाकाफी रहती है।
प्रशासनिक अनदेखी:
सरकार ने वर्ष 2024 में स्पष्ट आदेश दिया था कि – “शराब दुकान परिसर या उसके आस-पास किसी भी प्रकार का पेय स्थल (अहाता) संचालित नहीं होगा।” लेकिन जबलपुर के अनेक इलाकों में यह आदेश सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित है।
सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया:
सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस स्थिति पर रोष जताते हुए कहा कि अगर शासन की मंशा का सही क्रियान्वयन करना है तो अवैध अहातों को तत्काल बंद किया जाए और ऐसे ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए या फिर पूर्व की भांति ही शराब दुकानों के साथ अहातों की अनुमति भी दे दी जाए ताकि जगह-जगह चल रहे इन अघोषित अड्डो से तो छुटकारा मिले साथ ही इनके कारण फैलने वाली वाली अराजकता से भी मुक्ति मिले।







