करंट से युवक की मौत मामलाः गांव तक सड़क ही नहीं, एंबुलेंस कैसे पहुंचेगी
शहपुरा के बिरहोला टोला गांव में नहीं पहंुची सरकारी योजनाएं
जबलपुर, यशभारत। शहपुरा सालीवाड़ा बिरहोला टोला में बिजली सुधारते वक्त युवक की मौत ने सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आजादी के इतने सालों बाद भी गांव में सड़क तो छोड़ो आने-जाने का रास्ता तक नहीं बना। इस गांव में ग्रामीण विकास की बातें सिर्फ कागजों में नजर आ रही है। सबसे अहम बात ये है कि जब युवक को करंट लगा और उसे मुख्य मार्ग तक लााया गया परंतु किसी ने 108 एंबुलेंस को फोन नहीं किया अगर समय पर फोन किया होता तो निश्चित रूप से युवक की जान बच सकती थी।
सड़क ही नहीं गांव तक
सालीवाड़ा ग्राम पंचायत के बिरहोला टोला तक पहुंच मार्ग ही नहीं है। खेतों से होकर मुख्य मार्ग तक पहुंचना पड़ता है। ऐसे में ग्रामीणो ने मचल सिहं के हाथ-पैर पकड़कर मुख्य मार्ग के लिए दौड़ लगा दी। रास्ता लंबा था, लटकाकर ले जाना मुश्किल पड़ रहा था। आधा किलोमीटर बाद एक घर के बाहर खाटिया रखी थी जिस पर लिटाकर मचल सिंह को शहपुरा अस्पताल लाया गया। यहां डाक्टर ने मेडिकल कॉलेज ले जाने कहा। यहां एम्बुलेंस नहीं मिली।
पत्नी अंजू अभी अस्पताल में भर्ती है
लोगों से मदद मांग मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। चेक करने के बाद डॉक्टरों ने मचल सिंह को मृत घोषित कर दिया। पत्नी अंजू अभी अस्पताल में भर्ती है। गांव के उपसरपंच राम किशोरी चैधरी का कहना है कि दो हजार लोगों की आबादी वाली सालीबाड़ा पंचायत में मैली,जमुनिया,पिडंरई और बिरहोला गांव है।
पहले भी कई मौत इसी वजह से हुई है
पंचायत के हर गांव तक पहुंचने की व्यवस्था है लेकिन, आजादी के बाद से बिरहोला तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। सबसे ज्यादा परेशानी आती है। तेज बारिश हो जाए तो नाला आ जाता है, ऐसे में बिरहोला गांव के लोग फंसकर रह जाते हैं। गांव में इससे पहले भी कई मौत इसी वजह से हुई है।
इनका कहना है
गांव तक सड़क नहीं है इसलिए एंबुलेंस नहीं पहंुच सकती है और मुख्यमार्ग तक आने के बाबजूद युवक के परिजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन नहीं किया।
डाॅक्टर संजय मिश्रा, सीएमएचओ