Corona Update :- कारोना के बाद भोपालवासियों में बढ़ा श्वान पालने की चलन, तनाव दूर करने में मददगार
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भोपाल, । पालतू जानवर इंसान के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं। ये सदियों से हमारे जीवन का हिस्सा रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं डाग। कोविड महामारी और लाकडाउन के दौरान शहर के कई लोगों ने तनाव और अकेलापन को दूर करने के लिए श्वान को पालतू जानवर के रूप में अपनाया। उनके आने से घरों का माहौल ही बदल गया। निराशा के स्थान पर हर्ष और आशा का मार्ग प्रशस्त हुआ। पालतू जानवर अब उनके सबसे अच्छे दोस्त और परिवार के सदस्य बन गए हैं।
Yash Bharat ने उनमें से कुछ लोगों से बात की, यह जानने के लिए कि कैसे पालतू जानवरों ने उनके जीवन को बदल दिया। कोरोना के बाद श्?वान को गोद लेने की दर 10 से बढ़कर 15 फीसदी हो गई है।
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मेरा सबसे अच्छा दोस्त
कोविड-19 के दौरान हम अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे। इसलिए, मैंने कोरोना दूसरी लहर के दौरान भारतीय नस्ल की ‘लुसी’ नाम की एक आवारा श्?वान को गोद लिया। मैंने एक देसी नस्ल के श्वान को गोद लिया क्योंकि यह अन्य नस्लों के श्?वान की तुलना में अधिक मिलनसार है। उनके आने से मेरे घर का माहौल अच्छा हो गया है। वह मुझसे बहुत जुड़ी हुई है। हम साथ खेलते, खाते और सोते हैं। हमने पिछले साल उसका पहला जन्मदिन मनाया। मेरे लिए वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त की तरह है। वह हमें तनावमुक्त महसूस कराती है।