BREAKING : 9 साल बाद बदले निकायों में इंजीनियरों के प्रमोशन नियम
एई के 50 प्रतिशत, सब इंजीनियर के 95 फीसदी पद सीधी भर्ती से भरेंगे
भोपाल। मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों में पदस्थ इंजीनियरों की भर्ती और प्रमोशन को लेकर राज्य सरकार ने 9 साल बाद नियमों में संशोधन किया है। इसमें तय किया है कि कार्यपालन यंत्री और उससे बड़े कैडर के इंजीनियरों के पद सिर्फ प्रमोशन से ही भरे जाएंगे। वहीं, असिस्टेंट इंजीनियर 50 फीसदी पद प्रमोशन और इतने ही सीधी भर्ती से भरे जा सकेंगे। नियमों में यह भी तय किया है कि सब इंजीनियर के सिविल के सिर्फ 5 फीसदी पद प्रमोशन से भरेंगे। इसके अलावा सभी पदों पर सीधी भर्ती से ही नियुक्ति दी जाएगी।
मध्यप्रदेश राज्य नगरीय यांत्रिकी सेवा (भर्ती और सेवा की शर्तें) नियम 2015 में किए गए संशोधन में कहा गया है कि सहायक यंत्री (सिविल, विद्यत और मैकेनिकल) तथा उप यंत्री (सिविल, विद्युत और मैकेनिकल) के अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग पदों के आधार पर सूची तैयार की जाएगी।
इसके आधार पर जिस कैडर में रिक्ति होगी, उसी में वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति की पदक्रम सूची बनाई जाएगी। मसलन अगर सहायक यंत्री सिविल के पद पर पदोन्नति दी जानी है तो उपयंत्री सिविल कैडर के ही सब इंजीनियरों की सूची तैयार होगी।
इसी तरह की स्थिति विद्युत और मैकेनिकल के मामले में भी रहेगी। इसके विपरीत कार्यपालन यंत्री के पद पर पदोन्नति के लिए सिविल, विद्युत, मैकेनिकल के सहायक यंत्रियों की संयुक्त सीनियरिटी लिस्ट तैयार होगी और इसके आधार पर पदोन्नति दी जाएगी।
– पदोन्नति के लिए यह फॉर्मूला लागू होगा
प्रमुख अभियंता का एक पद सौ फीसदी प्रमोशन से भरेगा।
मुख्य अभियंता के पांच पद 100 प्रतिशत प्रमोशन से भरेंगे।
अधीक्षण यंत्री के 24 पद 100 फीसदी प्रमोशन से भरे जाएंगे।
कार्यपालन यंत्री के 50 पद 100 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाएंगे।
सहायक यंत्री सिविल के 142 पदों में से 50 प्रतिशत सीधी भर्ती और 50 प्रतिशत पदोन्नति से भरेंगे।
सहायक यंत्री इलेक्ट्रिकल के 13 पद और सहायक यंत्री मैकेनिकल के तीन पद भी भरे जाएंगे।
उप यंत्री सिविल के 588 पदों में से 95 प्रतिशत सीधी भर्ती और 5 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाएंगे।
उप यंत्री इलेक्ट्रिकल के 111 पद सिर्फ सीधी भर्ती से ही भरे जाएंगे।
उप यंत्री मैकेनिकल के 22 पद सिर्फ सीधी भर्ती से भरे जाएंगे।
– यह भी हुआ है नियमों में संशोधन
संशोधन के तहत सहायक यंत्री पद के लिए यह व्यवस्था भी तय की गई है कि 33 प्रतिशत डिप्लोमा धारक उपयंत्रियों में से 13 प्रतिशत ऐसे होंगे। जिन्होंने सेवा के दौरान अभियांत्रिकी उपाधि पाई है। जॉइन करने के पहले इंजीनियरिंग की डिग्री रखेंगे, और 4 प्रतिशत ड्राफ्ट्समैन होंगे। उप यंत्री पद के लिए 5 साल की सेवा के बाद डिप्लोमा, डिग्री धारक भी लाभ पा सकेंगे।