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BRAEKING :  उल्टी दस्त प्रभावित ग्राम मेहर में 1 व्यक्ति की मौत के बाद पहुंचे कलेक्टर दीपक आर्य : ट्यूब वेल को तत्काल बंद करने के निर्देश

कलेक्टर दीपक आर्य ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ित मरीजों के हाल - चाल जाने, इलाज में पूरी गंभीरता रखने के दिए निर्देश 

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सागर यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/ दूषित पानी पीने के बाद उल्टी दस्त प्रभावित ग्राम मेहर में 1 व्यक्ति की मौत के बाद कलेक्टर दीपक आर्य पीड़ितों की स्थिति की जानकारी लेने के लिए आदिवासी मुहाल नारायणपुरा पहुंचे। कलेक्टर दीपक आर्य ने ग्राम में संक्रमण को रोकने के लिए ट्यूबवेल को तत्काल बंद कराने के निर्देश देकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों के पास भी पहुंचकर उनके इलाज की जानकारी ली।

नरयावली विधानसभा क्षेत्र में मेहर ग्राम के आदिवासी मोहाल नारायणपुरा में दूषित पानी पीने के बाद ग्राम में हैजा फैलने से छोटे बच्चों समेत करीब 200 लोग उल्टी दस्त से पीड़ित हो गए थे। घटना की जानकारी मिलने पर शाम को चिकित्सा और स्वास्थ्य अमले ने गांव में पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया था। मरीजों की हालत बिगड़ने पर करीब 70 गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को जिला अस्पताल तथा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सहित निजी अस्पतालों में भी भर्ती किया गया था। इनमें से एक मरीज की मृत्यु हो जाने पर उसके कारणों की जांच की जा रही है।

उक्त घटना की मैदानी स्तर पर जानकारी लेने के लिए कलेक्टर दीपक आर्य ने ग्राम मेहर पहुंचकर स्वास्थ्य और चिकित्सा व्यवस्था का जायजा लिया तथा पीड़ितों से मिलकर घटना के संबंध में जानकारी लेने पर पाया गया कि ग्राम के ट्यूबवेल का पानी दूषित हो गया है। जिसे पीने से ही गांव में हैजा का प्रकोप फैल गया। कलेक्टर दीपक आर्य तत्काल ही उक्त ट्यूबवेल बंद करने के निर्देश देते हुए साफ और स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश संबंधितों को दिए हैं। इसके अलावा गांव में साफ सफाई तथा पेयजल स्रोतों के पानी की जांच और उन्हें पीने योग्य बनाए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर दीपक आर्य पीड़ित मरीजों का हाल-चाल तथा उनके इलाज की जानकारी लेने के लिए जिला चिकित्सालय तथा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज भी पहुंचे जहां उन्होंने मरीजों से मुलाकात की और उनके हाल-चाल तथा इलाज के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया है कि मरीजों के इलाज में पूरी गंभीरता रखते हुए उन्हें बेहतर से बेहतर इलाज दिया जाए।

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