
भोपाल। पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैलने पर कहा कि हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि मध्य प्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत व नगरीय निकाय के चुनाव नहीं होना चाहिए, सरकार इसको लेकर सभी आवश्यक कदम उठाए। आज सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के मामले में राहत प्रदान करने का निर्णय दिया है, उसका हम स्वागत करते हैं। लेकिन हमारी सरकार द्वारा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किए गए ओबीसी आरक्षण का पूरा लाभ ओबीसी वर्ग को अभी भी नहीं मिलेगा क्योंकि निर्णय में यह उल्लेखित है कि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव भी पारित हुआ
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, हमने ओबीसी आरक्षण को लेकर सदन में भी लड़ाई लड़ी थी और उसके बाद सदन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव भी पारित हुआ था कि मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बगैर पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव नहीं होना चाहिए। ओबीसी वर्ग से उनका जो हक छीना गया था, उसकी दोषी मध्य प्रदेश सरकार थी। पूर्व सीएम कमल नाथ ने ट्वीट में लिखा, यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार समय पर ट्रिपल टेस्ट की संपूर्ण प्रक्रियाओं का पालन कर देती, आधी-अधूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं करती तो यह अप्रिय स्थिति कभी भी नहीं बनती लेकिन शिवराज सरकार ओबीसी वर्ग का हक छीन जाने के बाद नींद से जागी।
ओबीसी वर्ग का भला करने की कोई उम्मीद शिवराज सरकार से नहीं थी
हमें ओबीसी वर्ग का भला करने की कोई उम्मीद शिवराज सरकार से नहीं थी, इसलिए हमने तो पहले से ही यह निर्णय ले लिया है कि हम निकाय चुनाव में 27 प्रतिशत टिकट ओबीसी वर्ग को देंगे और इस वर्ग को उनका पूरा अधिकार देंगे। हम अपना वादा हर हाल में निभाएंगे , हमारा तो दृढ़ संकल्प है कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का हक़ व अधिकार मिले, उसको हम हर हाल में पूरा करेंगे। यह निर्णय कांग्रेस के संघर्ष की व ओबीसी वर्ग की जीत है, जिसने ओबीसी विरोधी मध्य प्रदेश सरकार को झुकने पर मजबूर किया।