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4 साल बाद बीएससी की नर्सिंग परीक्षाएं शुरू, पहली बार विद्यार्थियों ने हिंदी-अंग्रेजी में हल किया पर्चा

मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ने मातृभाषा को बढ़ावा देने किया अनूठा प्रयाास

जबलपुर, यशभारत। मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले नर्सिंग कॉलेजों में पूरे 4 साल बाद परीक्षाएं शुरू हुई। परीक्षा में सबसे खास बात यह है कि पहली बार विद्यार्थियों के लिए हिंदी-अंग्रेजी में परचे बनाए गए थे। जिसकी वजह से विद्यार्थियों ने दोनों भाषाओं में परचा हल किया।

मालूम हो कि करीब चार साल के इंतजार के बाद जबलपुर सहित प्रदेश के 25 हजार नर्सिंग छात्र छात्राओ को परीक्षा देने का मौका बुधवार को मिला। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की वर्षों से अटकी नर्सिंग परीक्षा बुधवार से प्रारंभ हुई। मध्य प्रदेश में कुल 85 से अधिक केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें कुल 25 हजार विधार्थी नर्सिंग की परीक्षाओं में बैठें। बुधवार को करीब 56 केंद्रों पर बीएससी फर्स्ट ईयर की परीक्षा हो रही हुई। जिसमें करीब 15 हजार से अधिक छात्र शामिल हुए। जबलपुर में सुबह 10.30 बजे बीएससी नर्सिंग फर्स्ट ईयर का पेपर शुरू हुआ. परीक्षा देने पहुंचे नर्सिंग छात्र-छात्राओं में खासा उत्साह नजर आया. कई छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जिन्होंने 2020 में एजुकेशन लोन लेकर एडमिशन लिया था। 4 साल से परीक्षाओं पर रोक होने के चलते उनमें निराशा थी।
कुलसचिव डॉक्टर पुष्पराज बघेल ने बताया कि नर्सिंग की परीक्षा सुबह 10.30 से 1.30 बजे तक परीक्षा आयोजित की गई। गौरतलब है कि सत्र 2020-21 की नर्सिंग परीक्षाएं पूर्व में कोरोना और फिर निजी कालेजों के फर्जीवाड़े की जांच में फंस गई थी। न्यायालय के निर्देश पर प्रदेश के समस्त 364 नर्सिंग कालेजों को निर्धारित मापदंडों पर जांचा गया था। इस बार समस्त परीक्षा केंद्र में सीसीटीवी कैमरे की दृष्टि रही।

नर्सिंग कॉलेजों में प्लाइंग स्कवॉड ने रखी नजर
बीएससी नर्सिंग कॉलेज में बनाए गए परीक्षा केंद्रों पर नजर रखने के लिए कुलपति-कुलसचिव के दिशा-निर्देश पर प्लाइंग टीम तैनात किए थे। सभी जिलों में प्लाइंग स्कवॉड ने परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर परीक्षा संबंधी जानकारी ली। जबलपुर में मेडिकल यूनिवर्सिटी से परीक्षा नियंत्रक से लेकर अन्य अधिकारी परीक्षा केंद्रों का जायजा लेने पहंुचे।

 

इनका कहना है
परीक्षा को लेकर इस बार नया प्रयोग किया गया है, विद्यार्थी हिंदी-अंग्रेजी में उत्तर लिख सकें इसके लिए दोनों भाषााओं में प्रश्न पत्र तैयार किया गया था। ऐसी प्र्रक्रिया पहली बार प्रयोग की जा रही है।
डॉक्टर, पुष्पराज बघेल कुलसचिव मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी

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