AIADMK ने भाजपा से नाता तोड़ा:पार्टी ने NDA छोड़ने का प्रस्ताव पारित किया; लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी
अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने भाजपा और NDA से आधिकारिक तौर पर नाता तोड़ लिया है। पार्टी अगला लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी नेताओं ने सोमवार को मीटिंग में इस संबंध में प्रस्ताव भी पारित किया है।
पार्टी के डिप्टी कोओर्डिनेटर केपी मुनुसामी ने बताया कि अन्नाद्रमुक आज से भाजपा और NDA से सभी संबंध तोड़ रही है। भाजपा के लोग पिछले एक साल से पार्टी नेताओं, खासकर महासचिव ई पलानीसामी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।
AIADMK प्रवक्ता शशिरेखा ने कहा- सदस्यों की राय के आधार पर हम यह प्रस्ताव लाए। यह AIADMK के लिए खुशी का क्षण है। हम आगामी लोकसभा या विधानसभा चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेंगे।
18 सितंबर को AIADMK नेता डी जयकुमार ने कहा था- तमिलनाडु के भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई हमारी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्रियों सीएन अन्नादुरई और जयललिता पर बयानबाजी करते हैं। हमारे कार्यकर्ता इस बात को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
भाजपा-AIADMK में कड़वाहट की 4 वजहें
1. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का जयललिता पर बयान
AIADMK और भाजपा के बीच इस साल जून में ही कड़वाहट शुरू हो गई थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि तमिलनाडु सबसे भ्रष्ट राज्यों में से एक है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री तक को दोषी ठहराया गया।
उनका इशारा तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता पर था। उन्हें आय से ज्यादा संपत्ति मामले में दोषी ठहराया गया था। हालांकि इस मामले में जयललिता आरोपी थीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले उनका निधन हो गया था। इस मामले में उनकी सहयोगी शशिकला समेत अन्य लोग दोषी ठहराए गए।
2. पलानीसामी ने कहा था- शाह से मिलने की जरूरत नहीं
2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से AIADMK भाजपा के साथ गठबंधन में राज्य में तीन चुनाव हार चुकी है। सूत्रों का दावा है कि AIADMK अब भाजपा को बोझ मानने लगी है। पिछले साल नवंबर में पलानीसामी ने कहा था कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की जरूरत नहीं है। शाह निजी दौरे पर तमिलनाडु पहुंचे थे।