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खबर जो जरुरी है आपके लिए -आखिर मंत्री से लेकर अधिकारी क्यों कर रहे हैं पैसों की डिमांड!!!

साइबर ठगी के ऐसे-ऐसे तरीके जो उड़ा देंगे आपके होश, फ्रॉड से बचना है तो समझ लें ये मायाजाल -

जबलपुर। सायबर अपराध आज के दौर की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है यह अपराध किसी के साथ भी घटित हो सकता है। साइबर क्राइम लगातार बढ़ता जा रहा है  साइबर ठग तो अब  वीवीआईपी, मंत्री, कलेक्टरों को भी नहीं छोड़ रहे है।  साइबर क्रिमिनल वीवीआईपी लोगों की डुप्लीकेट फेक फेसबुक आईडी बनाकर सीधे परिचितों को मैसेज कर  डिमांड कर उन्हें ठगी का शिकार बनाने की कोशिश कर रहे है। कुछ भोले-भाले लोग साइबर फ्रॉड का शिकार भी हो जाते है। इसके अलावा साइबर ठग सोशल मीडिया पर वीडियो कॉल भी करते है जैसे ही आपने कॉल रिसीव किया अश्लील क्लिप या लाइव इंसान सामने होता है और स्क्रीन रिकॉर्डर के जरिए आपका वीडियो बन लिया जाता है जिसके बाद ब्लैकमेलिंग का धंधा शुरू होता है।  

हेलो कैसे हो, पैसों की जरूरत हैंScreenshot 2024 08 03 17 54 11 14 40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12 3

साइबर ठग पहले किसी दूसरे व्यक्ति कीडुप्लीकेट एफबी पर आईडी बनाते है और फिर मैसेज करते है हेलो, कैसे हो। हालचाल जानने के बाद सीधे अर्जेंट कुछ पैसों की जरूरत होने की बात बोलते हुए रकम ट्रांसफर कर देने का निवेदन करते है। कुछ भोले-भाले ठगी का भी शिकार हो जाते है।

  सिर्फ अकाउंट ब्लॉक, अधिकांश मेंं हाथ खालीScreenshot 2024 08 03 17 54 27 48 40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12

जब फर्जी फेसबुक अकाउंट बनते है और इसकी शिकायतें पुलिस तक पहुंचती है तो पुलिस कोई साइबर अपराधियों के जाल में ना फंस सके इसलिए उक्त फर्जी फेसबुक अकाउंट को ब्लॉक तो करवा दिया जाता है लेकिन अधिकांश ऐसे मामले होते है जिसमें पुलिस के हाथ खाली होते है साइबर ठग कौन है इनका कोई सुराग नहीं लग पाता हैं।

तीन बड़े सायबर अटैक, सुराग एक का भी नहींScreenshot 2024 08 03 18 01 57 69 40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12

हैकर्स को ढूंढना भी पुलिस  चुनौती बन चुका है। बीते नौ सालोंं में एक नहीं बल्कि तीन साइबर हमले हो चुके है।  सन् 2015 में  जबलपुर पुलिस की वेबसाइट पर अटैक हुआ। हैकर्स ने साइट पर भडक़ाऊ संदेश के साथ ही पाकिस्तान का झंडा तक लगा दिया था।  21 दिसंबर 2023 को   ई-नगर पालिका पोर्टल पर साइबर  हमला हुआ था। सर्वर पर 35 से 40 एप्लीकेशन थे, जो प्रभावित हुए। अटैक से जबलपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में कामकाज ठप्प हुआ था।  मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट और कंपनी की साइट और सर्वर पर 22 मई 2023 की रात रेनसमवेयर अटैक हुआ था। जिसके बाद कम्पनी का सर्वर पूरी तरह से ठप्प हो गया था और पूरा कामकाज ठप हो गया था। साइबर अटैक की लंबी जांच पड़ताल चली लेकिन हैकर्स का पता नहीं चल सका।

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31 जुलाई 2024 को प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री और जबलपुर पश्चिम से विधायक राकेश सिंह  के नाम का फेक फेसबुक अकाउंट बनाया गया। इस फेक अकाउंट के जरिए मंत्री राकेश सिंह के परिचितों से पैसे मांगे गए।  पीडब्ल्यूडी मंत्री की फैन फॉलोइंग बहुत बड़ी है उनके फेसबुक अकाउंट में 4,55,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।                                                केस 2IMG 20240803 175258 scaled

जबलपुर कलेक्टर रहे कर्मवीर शर्मा की भी 19 अप्रैल 2021 को फर्जी फेसबुक आईडी बनाई गई थी। ठग सीधे परिचितों को मैसेज कर पैसों की डिमांड कर रहा था। श्री शर्मा ने अपनी फेसबुक आईडी में अपडेट मेसैज डाला और बताया कि किसी ने उनके नाम की फर्जी आइडी बनाकर रुपए की डिमांड की।

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2023 में साइबर अपराधियों ने मंत्री प्रहलाद पटेल को सेक्सटॉर्शन कॉल  किया था।  अनजान नंबर से वीडियो कॉल आया वीडियो कॉल रिसीव करते ही पॉर्न मूवी चलने लगी थी प्रहलाद पटेल ने तुरंत फोन काट दिया था और इसकी शिकायत दर्ज कराई थी।

    जितने जागरूक उतने सुरक्षित होंगेInShot 20240803 180037604

राज्यसायबर पुलिस उपनिरीक्षक हेमंत पाठक ने बताया कि लोग जितने जागरूक होंगे उतने ही सुरक्षित होंगेे। अपनी प्रोफाइल को लॉक रखें।  अनजान कॉल, वीडियो स्वीकार न करें। अनजान लिंक को क्लिक न करें। अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। व्यक्तिगत विवरण जैसे फोन नं., ई-मेल एड्रेस, गोपनीय जानकारी और तस्वीरें शेयर न करे। अनावश्यक एवं अनजान साफ्टवेयर, एप्स, ऑनलाईन गेम इंस्टाल न करें।

इस प्रकार से होती है आनलाइन धोखाधड़ी

                          फिशिंगScreenshot 2024 08 03 18 05 37 50 40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12

इसमें ठग आपको नकली ईमेल या मैसेज भेजते हैं, जो वास्तविक कंपनियों या संगठनों जैसे दिखते हैं, लेकिन वास्तव में आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी करने के लिए होते हैं.विशिंग इसमें ठग आपको नकली वेबसाइट्स पर ले जाते हैं, जो वास्तविक वेबसाइट्स जैसी दिखती हैं, लेकिन वास्तव में आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी करने के लिए होती हैं

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इसमें ठग आपके डिवाइस में मैलवेयर स्थापित करते हैं, जो आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी कर सकता है या आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकता है.सोशल इंजीनियरिंग इसमें ठग आपको मनाने की कोशिश करते हैं कि आप अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करें या कुछ ऐसा करें, जिससे आपको नुकसान हो सकता है.ठग आपके डिवाइस में वायरस या ट्रोजन स्थापित करते हैं, जो आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी कर सकते हैं या आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं

        क्लोनिंग

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इसमें ठग आपके बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड की जानकारी चोरी करते हैं और उसका उपयोग आपके पैसे चोरी करने के लिए करते हैं.स्मिशिंग इसमें ठग आपको नकली एसएमएस भेजते हैं, जो वास्तविक कंपनियों या संगठनों जैसे दिखते हैं, लेकिन वास्तव में आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी करने के लिए होते हैं.

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ऐसे मामलों की जानकारी आने में डेढ से दो माह लग जाते है तुरंत ही फर्जी आईडी को ब्लॉक करवा दिया जाता हैं और जैसे ही साइबर ठगी की जानकारियां आती है तो कार्रवाइयां भी की जाती है।आदित्य प्रताप सिंह, एसपीIMG 20240803 WA0056 2

 

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