आधार कार्ड अपडेट न होने के कारण PAT परीक्षा से वंचित हुए छात्र, मचा हंगामा
(छत्तीसगढ़)

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (CG Vyapam) द्वारा आयोजित प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट (PAT) 2025 में गौरेला के छात्रों को उस समय भारी निराशा का सामना करना पड़ा, जब उन्हें परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया। छात्रों का आरोप है कि माधवराव सप्रे शिक्षा महाविद्यालय, गौरेला स्थित परीक्षा केंद्र पर 15 से अधिक छात्र-छात्राओं को केवल इस आधार पर परीक्षा हॉल में प्रवेश नहीं करने दिया गया क्योंकि उनके आधार कार्ड अपडेट नहीं थे। इस घटना के बाद आक्रोशित छात्र-छात्राएं कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपनी आपबीती सुनाई।
समय पर पहुंचने के बावजूद परीक्षा से वंचित:
पीड़ित छात्राओं का कहना है कि उन्होंने समय पर अपना पंजीकरण कराया था और वे अपने प्रवेश पत्र भी साथ लेकर परीक्षा केंद्र पहुंची थीं। हालांकि, उन्हें यह कहकर परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया कि उनके आधार कार्ड में मामूली त्रुटियां हैं या वे अपडेटेड नहीं हैं। इस अप्रत्याशित और निराशाजनक स्थिति के बाद, छात्रों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा और अपनी शिकायत दर्ज कराई।
परीक्षा केंद्र के स्टाफ पर दुर्व्यवहार का आरोप:
छात्रों ने परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों पर बेरुखी और अपमानजनक व्यवहार करने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बिना किसी वैध और उचित कारण के उन्हें परीक्षा से बाहर कर देना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि उनकी पूरे एक साल की कड़ी मेहनत को भी बर्बाद कर दिया गया है। छात्रों का कहना है कि उन्होंने PAT जैसी महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए महीनों तक अथक प्रयास किया था, लेकिन परीक्षा केंद्र के इस लापरवाह और कठोर रवैये ने उनके भविष्य को अधर में लटका दिया है।
पीड़ित छात्रा अंजली यादव ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “हम टाइम से पहुंच गए थे, लेकिन बोला गया कि आप लेट हैं। 9 बजे से पेपर था, साढ़े आठ बजे हम कॉलेज पहुंचे। वहां बोला गया कि आधार कार्ड अपडेट नहीं है। मेरा आधार कार्ड अपडेट था। मैं आधार कार्ड का फोटो निकलवाने चली गई। दुकान ढूंढनी पड़ी। इस चक्कर में थोड़ा लेट हो गया। कॉलेज पहुंची तो कहा गया कि आप 5 मिनट लेट हो गईं हैं। एक साल मेरा खराब हो गया है।”
एक अन्य छात्रा, पल्लवी कुशवाहा ने बताया, “हमारा आधार कार्ड अपडेट नहीं था इसलिए एग्जाम देने नहीं दिया गया है। करीब 10-15 लोगों के साथ ऐसा हुआ। हमारा साल खराब हो गया। सभी कोचिंग कर रहे थे। सब बेकार हो गया। हम तो समय पर पहुंचे थे लेकिन अब घर वाले भी हमें ही डांटेंगे।”
कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप:
छात्रों का यह भी आरोप है कि वे इस महत्वपूर्ण परीक्षा की तैयारी लंबे समय से कर रहे थे, और जब परीक्षा की तारीख आई तो कॉलेज प्रशासन द्वारा इस तरह का अमानवीय व्यवहार किया गया, जो पूरी तरह से गलत है। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन की इस लापरवाही पर गहरा दुख व्यक्त किया है, क्योंकि उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है।
हालांकि, छात्रों को जिला कलेक्टर जीपीएम से उचित कार्रवाई का आश्वासन मिला है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और इन पीड़ित छात्रों को न्याय कैसे मिलता है। यह घटना निश्चित रूप से परीक्षा संचालन की प्रक्रिया और पहचान सत्यापन के नियमों पर सवाल खड़े करती है।