जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

हम तो खुश, बधाई बल्ले- बल्ले:- बीजेपी ‘लाड़ली बहना, कांग्रेस ‘बदलावÓ ओल्ड पेंशन, बेरोजगारी पर कर रही दावे

दोनों पार्टियों का अनुमान, सरकार हमारी , कार्यकर्ता मिल रहे हैं आपस में गले

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जबलपुर, यशभारत। जबलपुर सहित मध्यप्रदेश में चुनाव का प्रतिशत बढ़ा है। मतदान प्रतिशत बढऩे को लेकर कहीं-कहीं उत्साह है तो कही चिंता भी प्रकट की जा रही है। मतदान प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद प्रत्याशियों ने राहत की सांस ली परंतु बैचेनी 3 दिसंबर तक जारी रहेगी। भारतीय जनता पार्टी जहां लाड़ली बहना योजना को लेकर उत्साहित है तो वहीं कांग्रेस बदलाव को लेकर बेफिक्र है। जो भी हो भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर की गूंज पूरे प्रदेश में है। मतदान को लेकर बड़ी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया कारण भी था, सभी का मत था कि जबलपुर में आईटी हब के साथ बड़ी-बड़ी कंपनियों का आना हो, रोजगार मिले। इधर कर्मचारियों ने भी ओल्ड पेंशन स्कीम को ध्यान में रखकर बढ़चढ़कर मतदान किया।
अगर 2018 के विधानसभा चुनाव नतीजे पर नजर डालें तो समझ आता है कि लोग क्यों कह रहे हैं कि पलड़ा इस वक्त किसी के भी पक्ष में झुक सकता है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी (41.02 प्रतिशत) और कांग्रेस (40.89प्रतिशत) दोनों का वोट शेयर लगभग समान था और सीटों का अंतर सिर्फ पांच था। बीजेपी ने 230 में से 109 और कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं। कहा जा रहा है कि वोटिंग प्रतिशत बढऩे से मौजूदा सरकार के लिए खतरे की घंटी बताई जा रही है. कई लोग इस भारी मतदान को राज्य में बदलाव का संकेत मान रहे हैं, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने चुनाव जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी, दोनों पक्षों ने कई लोकलुभावन वादे किए। भाजपा जहां अपनी लाडली बहना योजना से चुनाव को बीजेपी के पक्ष में करने की उम्मीद कर रहे हैं. इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा गरीब परिवारों की महिलाओं को वित्तीय सहायता के रूप में 1250 रुपये प्रति माह प्रदान किए जा रहे हैं, वहीं, इस बार वादा करने में कांग्रेस भी पीछे नहीं हटी, कांग्रेस ने लाडली बहना योजना की राशि को बढ़ाकर 1500 रुपये प्रति माह करने का वादा किया है। बड़ी संख्या में महिला मतदाता अपने पहचान पत्र लेकर बूथ पर पहुंचीं, इन महिलाओं के लिए, मतदान सिर्फ एक अधिकार नहीं है, उनके लिए एक गर्व की बात है, उनके सक्षम होने का प्रतीक भी है और उनके लिए विशेष रूप से तैयार की गई योजनाओं के साथ, वे अपनी शक्ति के बारे में जानती हैं। महिला मतदाताओं ने एक दूसरे से उस ताकत के बारे में बात की जो पैसा उन्हें देता है, वह सम्मान जो अब विभिन्न योजनाओं के कारण उन्हें मिलता है। मध्य प्रदेश में बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत और महिलाओं की लगी हुई लंबी-लंबी कतारें क्या वास्तव में भारतीय जनता पार्टी के लिए तीन दिसंबर को बड़ी खुशखबरी लाने वाली हैं। कम से कम भारतीय जनता पार्टी के नेता तो इस प्रतिशत और महिलाओं की इन लाइनों से फिलहाल उत्साहित ही नजर आ रहे हैं। वहीं इस प्रतिशत के साथ महिलाओं की लाइनों को देखकर कांग्रेस के नेता भी लगातार इस बात की बयानबाजी कर रहे हैं कि यह लाइन और वोट प्रतिशत बदलाव के लिए ही लगी हैं।

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