जबलपुर जिला अस्पताल विक्टोरिया में जवान बेटे की लाश रखकर बैठा रहा 80 साल का बूढ़ा पिता, गरीबी ने ऐसा सितम ढाया कि कफन-दफन की भीख मांगता रहा बेबस बाप
जबलपुर, यशभारत। जिला अस्पताल विक्टोरिया गेट के बाहर 26 साल के जवान बेटे की लाश रखकर एक 80 साल का बूढ़ा बाप बैठा रहा, टकटकी निगाहों से गुजरने वालों को देखता फिर बेटे के शव को। गरीबी ने ऐसा सितम ढाया कि एक बेबस बाप अपने बेटे की लाश को कफन-दफन दिलाने के लिए लोगों से भीख मांगता रहा लेकिन उसकी सहायता करने कोई आगे नहीं आया। यह दृश्य सभी ने देखा लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। घंटों विक्टोरिया के मैन गेट पर बेटे का शव रखकर पिता रोता रहा है लेकिन मदद की ढीेंगे हंकाने वाले शहर के लोगों का दिल नहीं पसीजा। लोग रास्ते से गुजरते और बड़ा बुरा हुआ कहकर चले जाते। इस बारे में जब गरीब नवाज कमेटी के इनायत अली मोहम्मद इकबाल, रियाज अली को लगी तो वह तत्काल मौके पर पहुंचे गरीब बाप को सात्वंना देते हुए बेटे का अंतिम संस्कार कराया।
लालमिट्टी गोपाल होटल के फुटपाथ में रहने वाले 70 वर्षीय रामदास मोगरे ने बताया कि बेटा 26 साल जितेंद्र मोगरे की अचानक कल गुरूवार को तबीयत खराब हो गई थी जिसे विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान बेटे की आज शुक्रवार मौत हो गई। बेटे की मौत पर अस्पताल द्वारा शव लेकर बाहर कर दिया गया, उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह बेटे का अंतिम संस्कार करा सके। इसलिए बेटे का शव लेकर वह अस्पताल गेट के बाहर बैठ गया और लोगों से मदद की भीख मांगने लगा। रामदास मोगरे का कहना है कि घंटों शव लेकर बैठा रहा किंतु किसी ने उसकी मदद नहीं की। रास्त से गुजर रहे एक व्यक्ति से बेटे का अंतिम संस्कार कराने को कहा तो उसने गरीब नवाज कमेटी के इनायत अली से संपर्ककराया। इनायत अली और उसके साथी पहुंचे फिर बेटे का अंतिम संस्कार कराया।
कचरे में बिता दी पूरी जिंदगी, पैसा नहीं जोड़ पाए
गरीब बेबस पिता रामदास मोगरे का कहना है कि बेटे और उसने पूरी उम्र कचरे में बिता दी मतलब कचरा बीनकर वह जिंदगी जी रहे थे। इसमें इतना पैसा नहीं मिलता है कि कुछ जोड़कर रख सके। पहले गोपाल होटल के पास किराये के मकान में रहते थे फिर जब किराया नहीं दे पाए तो फुटपाथ में रहने लगे।
अजमेर से लौटे ही थे कि फोन आ गया- इनायत
गरीब नवाज कमेटी के इनायत अली और साथियों ने बताया कि अजमेर गए हुए थे। आज शुक्रवार को जबलपुर स्टेशन पहुंचे ही थे एक फोन आया जिसमें बताया गया कि एक बुजुर्ग व्यक्ति अपने बेटे का शव विक्टोरिया अस्पताल पास लेकर बैठा है। मौके पर जाक देखा तो करीब 70 साल का वृद्ध बेटे की लाश रखकर लोगों से मदद मांग रहा था। कमेटी के सभी सदस्यों ने मिलकर शव का अंतिम संस्कार कराया गया।