जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

पीएससी की मुख्य परीक्षा 2019 में केवल उन्हीं अभ्यार्थियों को सामिल किया जाए जो रिवाइज रिजल्ट में उत्तीर्ण हुए हैं: हाई कोर्ट

जबलपुर , मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के सिंगल बेंच द्वारा आज पीएससी से जुड़ा महत्त्वपूर्ण फैसला पारित किया गया है। जिसके तथ्य है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा हाई कोर्ट के आदेश दीनांक 07/4/2022 के बाद लोक सेवा परीक्षा 2019 की प्रारंभिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा के परिणाम निरस्त कर दिनांक 10/10/2022 को आयोग द्वारा असंशोधित परीक्षा नियम 2015 के अनुसार रिवाइज रिजल्ट 87% तथा 13% के फार्मूले के आधार पर घोषित किया गया था ।

जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में आयोजित मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण कर ली गई थी उनको भी पुनः मुख्य परीक्षा में शामिल किए जाने का आदेश दिया गया था उक्त आदेश के विरूद लगभग 102 अभ्यर्थियों द्वारा पांच याचिकाएं दाखिल करके हाईकोर्ट से पुनः मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किए जाने की राहत सहित रिवाइज रिजल्ट में पास अभ्यर्थियों का स्पेशल परीक्षा कराए जाने की राहत चाहिए गई थी ।
याचिकाओं में अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद शाह के माध्यम से अनेक अभ्यर्थियों की ओर से मध्यस्थ/इंटरबीन याचिका दाखिल करके हाईकोर्ट में तर्क दिया गया था की यदि एक भर्ती की दो अलग अलग परीक्षाएं ली जाएगी तो ये संविधान के अनुच्छेद 14 एवम् 16 का उल्लघन होगा तथा दो अलग अलग परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट दूषित होगी ।
उक्त समस्त याचिकाओं में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच की जस्टिस नंदिता दुबे द्वारा दिनांक 29/11/2022 को अंतिम निर्णय के लिए याचिकाएं सुरक्षित रख ली गई थी ।

आज दिनांक 13/12/22 को उक्त याचिकाओं में 33 प्रष्ट्रीय निर्णय पारित किया जाकर हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी गई की पूर्व में आयोजित मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों को पुनः मुख्य परीक्षा में शामिल न किया जाए तथा रिवाइज रिजल्ट में उत्तीर्ण छात्रों की स्पेशल/विशेष परीक्षा कराकर 6 माह के भीतर समस्त प्रक्रियाओं को अंतिम रूप दिया जाए ।
इंटरवीन के अधिवक्ता रामेश्वर सिंह एवम् विनायक शाह का कहना है की हाईकोर्ट में डिवीजन बेंच के समक्ष दो याचिकाओं में 2019 तथा 2021 की प्रारंभिक परीक्षाओं का परिणाम प्रश्नगत है । सिंगल बेंच द्वारा आज दिनांक 13/12/2022 का फैसला संविधान एवम् विधि के प्रावधानों को प्रश्नगत कर रहा है इसलिए उक्त आदेश के विरूद्ध शीघ्र ही डिवीजन बेंच में रिट अपील दायर की जाएगी ।

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