जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

बघराजी संकुल प्राचार्य मामलाः 2003 में शिक्षक बनने वाले को छोड़ ,12 साल जूनियर को बनाया प्राचार्य

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ नेता योगेंद्र दुबे ने डीपीआई को भेजी शिकायत

जबलपुर, यशभारत। जिला शिक्षा विभाग का भगवान ही मालिक है। एक शिक्षक को जीपीएफ, लेखपाल की पेंशन प्रकरण में उलझे विभाग अधिकारियों का एक और कारनामा सामने आया है। बघराजी संकुल प्राचार्य ऐसे शिक्षक को बना दिया गया है जिसकी नियुक्ति साल 2015 में हुई थी जबकि 2003 में शिक्षक बने व्यक्ति को इस पद से दूर रखा गया। इसका खुलास उस वक्त हुआ जब मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के योगेंद्र दुबे ने पूरे मामले की शिकायत लोक शिक्षण संचालनालय भेजी।

कर्मचारी नेता योगेंद्र दुबे ने आरोप लगाते हुए बताया कि जिले के शासकीय उ.मा.वि. कन्या बघराजी में नियमित संकुल प्राचार्य का पद विगत लगभग तीन वर्षो से रिक्त है। जिस पर विभाग द्वारा अपने चहेते उच्च माध्यमिक शिक्षक शिवकुमार झारिया को सौंपा गया है । जो वर्ष 2015 के उच्च माध्यमिक शिक्षक है। वहीं विघालय में पदस्थ शंकर लाल बडकरे उच्च माध्यमिक शिक्षक जिनकी नियुक्ति 2003 की है । वह शिवकुमार झारिया से वरिष्ठ हैं। इस प्रकार संकुल प्रभारी संकुल प्राचार्य का दायित्व नियम विरूद्ध तरीके से कनिष्ठ शिक्षक को सौंपा गया है। जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि जिन विद्यालयों में प्राचार्य – प्रधानाध्यापक का नियत पद रिक्त है वहां शाला के वरिष्ठतम शिक्षक को शाला प्रभार सौंपा जावे। किन्तु जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने द्वारा अपने चहेते शिक्षक को संकुल प्राचार्य का प्रभारी बना रखा है। शाला का प्रभार कनिष्ठ शिक्षक के पास होने से उसका प्रभाव शाला के शैक्षणिक व्यवस्था तथा संकुल की प्रशासनिक व्यवस्था पर सीधे तौर पर पड़ रहा है। इससे पूर्व भी प्रभारी प्राचार्य के विरूद्ध आर्थिक अनियमितताओं की शिकायत की जांच विभागीय कार्यालय स्तर पर लीपा-पोति कर निपटारा कर दिया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon Join Yashbharat App