जबलपुर हाईकोर्ट ने 6 अवसर देने के बाबजूद जवाब न देने पर एनएचएम ओआईसी को 10 हजार के काष्ट ठोकी
जबलपुर यशभारत। राष्ट्रीय स्वश्य मिशन द्वारा कोविड़ काल मे की गई नियुक्तियों की वैधानिकता को चुनोती देने वाली याचिका क्रमांक 3368-2021 में याचिका कर्ता सेवकराम का आरोप है की उक्त भर्तियो में तत्कालीन प्रचलित आरक्षण नियमों के विरूद्ध नियुक्तियां की गई है तथा लेनदेन करके कम अंक वाले अभ्यार्थियों को नियुक्तियां दी गई है। जबकि याचिकाकर्ता मेरिट में उच्च है उससे भी 50 हजार की मांग की गई थी लेकिन मेरिट में टाॅप होने के कारण उसने पैसा नही दिया एवम उससे वरीयता क्रम में 129 नंबर नीचे बाले अभ्यार्थियों को कम्युनिटी हेल्थ आफीसर के रूप में नियुकिया दे दी गई ।
याचिका प्रारंभिक सुनवाई में तत्कालीन चीफ जस्टिस मो.रफीक एवम विजय शुक्ल की खंडपीठ ने सम्पूर्ण नियक्तियंा याचिका के निर्णयाधीन करने का अंतरिम आदेश जारी कर दिया गया था । लेकिन अप्रेल 2021 से कई वार प्रकरण की सुनवाई हुई हमेशा अनावेदकों ने जबाब के लिए टाइम लिया 6 अवसरों में बाबजूद जबाब दाखिल नहीं किया गया ।
उक्त याचिका की सुनवाई पुनः 19 मई को जस्टिस विवेक अग्रवाल एवम विशाल धगट की खंड पीठ द्वारा की गई । अनावेदकों का उक्त कृत्य आड़े हाथो लिया गया तथा प्रापण के ओआईसी पर 10 हजार की कष्ट इम्पोज की जाकर आगामी सुनवाई 20 मई निर्धारित की गई है। याचिका कर्ता की ओर से रामेश्वर सिंह ठाकुर विनायक शाह ने पैरवी की ।