भारत के औषधि महानियंत्रक DCGI ने 6 से 12 साल तक के बच्चों के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा 12 साल से अधिक की उम्र के बच्चों के लिए जायडस कैडिला की जायकोव डी वैक्सीन को भी इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी गई है।
यह फैसला ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) की मीटिंग के बाद लिया गया है, जिसमें भारत बायोटेक की कौवैक्सिन को 2-12 साल की उम्र के बच्चों को लगाने के लिए डेटा मांगा गया था।
फिलहाल 12-14 साल के बच्चों को कॉर्बेवैक्स वैक्सीन दी जा रही है। 15-17 साल के बच्चों को कोवैक्सिन का डोज दिया जा रहा है। आज मिली मंजूरी के बाद देश में 6 से 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को कुल 3 कोरोना वैक्सीन लगाई जाएंगी।
कॉर्बेवैक्स को अप्रूवल का इंतजार
DCGI की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने पिछले दिनों 5 से 11 साल के बच्चों पर कॉर्बेवैक्स वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की सिफारिश की थी। पैनल ने इस मसले पर बीते गुरुवार को बैठक की थी। कॉर्बेवैक्स हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई की ओर से स्वदेशी रूप से डेवलप की गई पहली आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है।
12 से 17 साल के बच्चे वैक्सीनेटेड
देश में बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत इस साल 3 जनवरी से हुई थी। शुरुआत में 15 से 17 साल के बच्चों को कोवैक्सिन ही लगाई जा रही थी। बाद में 16 मार्च को 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया गया।