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धीरे से दूल्हे को कोने में ले गए पापा, वापस लौटते ही दुल्हन ने तोड़ दी शादी, बोली- ये कैसी हरकत

नई दिल्ली: भारत में दहेज लेना कानूनन अपराध है. भारतीय कानून में लेने और देने वाले दोनों पार्टियों को जेल की सजा प्रावधान है. हालांकि, कानून बनने के बाद प्रथा तो खत्म नहीं हुई बल्कि इसका स्वरूप बदल दिया गया. आज हमारे समाज में कितनी बेटियां अपने ससुराल में प्रताड़ित होती हैं, ससुराल की मांग पूरा न करने पर उनको मार दिया जाता है या फिर उनको आग के हवाले कर दी जाती हैं. हालांकि, इन कानून को गलत भी इस्तेमाल होता रहा है. लेकिन, हम यहां जिस कहानी की चर्चा करने जा रहे हैं, जहां पर दहेज का लालची केवल दूल्हा ही नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार था. लेकिन दुल्हनिया पढ़ी-लिखी थी, तो वह उनके झासें में नहीं आई. उनकी शादी तीन दिन में समाप्त हो गई. दूल्हे को जेल की सजा भी काटनी पड़ी और तीन लाख का जुर्माना भी भरना पड़ा. चलिए जानते हैं पूरी कहानी.

पूरी कहानी तामिलनाडु के सैदपेट की है. दहेज की लालच में एक दूल्हे की शादी मात्र 3 दिन में ही टूट गई, दहेज उत्पीड़न के मामले में उस पर 19 साल तक मुकदमा चला, युवक को 3 महीने जेल में रहना पड़ा और अब सुप्रीम कोर्ट ने उसे दुल्हन को 3 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. लड़की ने दूसरी शादी कर ली है. वह अब विदेश में बस गई है.

पूरी कहानी समझते हैं
शादी की तारीख थी 3 फरवरी, 2006. दुल्हन के माता-पिता ने लड़के परिवार को 60 सोने के सिक्के और दूल्हे को 10 दिए. शादी धूमधाम से हुई. एक दिन के बाद रिसेप्शन था. अब दूल्हे और उसके पिता के मन में लालच समा गया. वे लड़की के पिता से अलग से 30 सिक्कों की मांग की थी. फिर दोनों परिवारों में कुछ बात हुआ. उसके बाद लड़के के पिता दूल्हे को मंडप से लेकर जाने लगे. लड़की काफी देर से ये सब देख रही थी. उसे बर्दाश्त नहीं हुआ. उसने तुरंत आईपीसी की धारा 498ए और दहेज निवारण अधिनियम की धारा 4 के तहत शिकायत दर्ज करा दी. लड़का दोषी पाया गया. 3 हजार जुर्माने के साथ 3 साल की कैद की सजा सुनाई गई और दहेज निवारण अधिनियम की धारा 4 के तहत एक साल की सजा सुनाई.

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