
भारत कम से कम 576 भाषाएं बोली जाती हैं। गृह मंत्रालय ने देशभर में 576 भाषाओं और बोलियों का मातृभाषा सर्वे पूरा कर लिया है। मंत्रालय की साल 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार, हर मातृभाषा के असली रूप को संरक्षित करने और उसका एनालिसिस करने के लिए नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) में एक ‘वेब’ कलेक्शन की प्लानिंग की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए देश की भाषाओं से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित करने का काम अभी जारी है। मदर टंग सर्वे ऑफ इंडिया (MTSI) परियोजना के तहत, 576 मातृभाषाओं की ‘फील्ड वीडियोग्राफी’ की गई। मंत्रालय के अनुसार, छठी पंचवर्षीय योजना से लेंग्वेज सर्वे ऑफ इंडिया (LSI) एक नियमित शोध गतिविधि है।
इस प्रक्रिया को शुरू हुए 30 साल से ज्यादा हो चुके हैं। इस प्रोजेक्ट के पहले के पब्लिकेशन में LSI झारखंड का काम पूरा हो गया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश का काम पूरा होने वाला है। तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में फील्डवर्क जारी है। मातृभाषाओं के ‘स्पीच डेटा’ का कलेक्शन करने के उद्देश्य से इसकी वीडियो को NIC सर्वर पर शेयर किया जाएगा।
60 साल पहले भारत में थी 1652 भाषाएं व बोलियां
साल1961 की जनगणना के मुताबिक, 1652 भाषाएं और बोलियां थीं। पीपुल्स लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इंडिया ने 2010 में 780 भाषाओं-बोलियों की गिनती की। यूनेस्को के मुताबिक, इनमें से 197 भाषाएं खत्म होने की कगार और 42 भाषाओं व बोलियों का अस्तित्व खत्म हो चुका है।