हर हर नर्मदा के जय घोष से गूंजे तट : श्रद्धा भक्ति से किया पूजन , निकली यात्राएं

नरसिंहपुर ,यशभारत। पतित पावनी जीवनदायिनी माँ नर्मदा के प्रकटोत्सव पर हर-हर नर्मदे के जयघोषों से नर्मदा तट गूंजते रहे। माँ के प्रति अटूट आस्था लिये श्रद्धालु नंगे पैर नर्मदा तट पहुंचे जहां उन्होंने पूजन-अर्चन कर सुख समृद्धि का आर्शीवाद माँ से लिया। माँ नर्मदा जन्मोत्सव पर सिर्फ नरसिंहपुर जिला ही नहीं बल्कि रायसेन, छिंदवाड़ा, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, नागपुर, दमोह, ललितपुर, झांसी जिलों से आए भक्तों ने विभिन्न घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई। परंपरानुसार सैकड़ों भक्त तो ऐसे थे जो सरें भरते हुए नर्मदा घाटों पर पहुंचे। बहुत से ऐसे भी थे जो सपरिवार पैदल कई किमी तक चलकर मां नर्मदा के दर्शन करने पहुंचे थे। भक्तों की रेलमपेल के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर स्टेट हाइवे तक जाम की स्थिति रही। घाटों पर पहुंचे भक्तों ने पुण्यसलिला का चुनरी अर्पित कर श्रृंगार किया।
श्रद्धालुओं के भोजन-पानी के लिए थोड़ी-थोड़ी दूर पर भंडारा-प्रसादी वितरण के स्टाल समाजसेवियों ने लगा रखे थे। बड़ी संख्या में नर्मदा घाट पहुंचे श्रद्धालु नर्मदा जयंती पर बरमान के सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की आशातीत भीड़ रही। एक अनुमान के अनुसार मंगलवार को सुबह से शाम तक यहां पर लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान, दान, अनुष्ठान व दीपदान किए। इनमें पुरुष, महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग आदि सभी शामिल थे। बरमान के रेतघाट, सीढ़ीघाट, सतधारा, धरमपुरी, रेवानगर, शगुन घाट, सूरजकुंड के तटों पर तो पैर रखने लायक भी जगह नहीं थी।
जगह-जगह निकली चुनरी यात्राएं नरसिंहपुर शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भी मां नर्मदा की प्रतिमा के साथ श्रद्धालुओं ने कई मीटर लंबी चुनरी लेकर पैदल यात्रा की। नर्मदा तटों पर जाकर विधिवत पूजन के साथ नर्मदा जी को चुनरी अर्पित की। आटे के दीयों, कागज, पत्तों के दोनों में दीपदान किया। नरसिंहपुर, करेली, गाडरवारा, गोटेगांव, तेंदूखेड़ा, सांईखेड़ा तहसील का एक भी गांव ऐसा नहीं रहा जहां से चुनरी यात्राएं न निकली हों। नर्मदा के प्रति लोगों की आस्था का उत्साह यूं रहा कि चुनरी यात्राओं में बच्चों, महिलाओं, पुरूषों के साथ ही बुजुर्गों की भी खासी सहभागिता रही और कई किमी चलते हुए लोगों ने नजदीकी नर्मदा तटों पर जाकर पूजन किया। सागर, दमोह जिले से प्रकटोत्सव पर नर्मदा पूजन करने कांवरियों की भी आवक रही। जो पारंपरिक भजन-कीर्तन और मातारानी के जयकारे लगाते हुए घाटों पर पहुंचे और पूजन कर दीपदान किया।
नर्मदा तटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब
तेंदूखेड़ा यशभारत पुण्य सलिला मां नर्मदा के प्रकटोत्सव पर्व के पावन अवसर पर जहां नर्मदा घाटों पर जन सैलाव देखने को मिला वहीं सड़कों मुख्य सड़क मार्गों पर चुनरी लेकर जा रहे श्रद्धालुओं की आस्था देखने को मिलीं। सुबह से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित होकर पहले तो चुनरी यात्राओं में शामिल हुए फिर पैदल यात्रा करते हुए नाचते गाते झूमते हुए अपने अपने समीपी नर्मदा घाटों पर पहुंचे।
तेंदूखेड़ा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रमुख रुप से ककरा घाट, बिल्थारी थरेरी बारह सिमरिया हीरापुर बारह घाटों पर चुनरी चढ़ाने के साथ पूजन अर्चन करनें के लिए पहुंचे। मुख्य भीड़ ककरा घाट में देखनें को मिली यह घाट सुविधा की दृष्टि से तेंदूखेड़ा गाडरवारा और रायसेन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को काफी नजदीक पड़ता है। चुनरी यात्रायें निकाली गई जो ककरा घाट पहुंचीं पूजन अर्चन अभिषेक के उपरांत चुनरी चढ़ाई गई। श्रद्धालु महिलाओं द्वारा अपनी अपनी चुनरी को जोड़ कर अलग-अलग विशाल चुनरी का रुप दिया।
सड़क मार्गों पर हुई जल चाय खीर खिचड़ी प्रसादी की व्यवस्था
सड़क मार्गों पर जगह जगह चाय पानी खीर खिचड़ी प्रसादी की व्यवस्था मार्ग में पडऩे वाले ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों द्वारा की गई थी। लोग अपने अपने स्तर से स्टाल लगाकर चुनरी लेकर जा रहे श्रद्धालुओं के स्वागत में संलग्न बनें रहें। वहीं तेंदूखेड़ा के सेवा भावी विभिन्न विभागों के कर्मचारियों द्वारा भी श्रद्धालुओं को खिचड़ी प्रसादी की व्यवस्था की गई थी।
दीपदान एवं आरतियों की मची रही होड़
पुण्य सलिला मां नर्मदा कलयुग में साक्षात् स्वरूप में होने के साथ साथ मोक्षदायनी एवं मध्यप्रदेश की जीवन रेखा कहलाती है। इनकी कृपा से ही हजारों लोगों को प्रतिदिन रोजगार के अवसर प्राप्त होते है। वहीं इनका जीवन भी नर्मदा के तटीय क्षेत्रों से चला करता है। नर्मदा घाटों पर शाम के समय हजारों की संख्या मे दीपदान करने के लिये पंहुचे दीपदान करने के साथ साथ आरती को लेकर श्रद्धालुओं मे होड़ जैसा माहोल देखने को मिला। घाटों को सुंदर विद्युत साज सज्जा के साथ सजाया गया। बंदन तोरण द्वारों से पुण्य सलिला के तट जगमगा रहे थे। तथा दिन भर विशाल भंडारों का आयोजन चला। वहीं भजन संगीत के माध्यम से नर्मदा के भक्त नर्मदा के गीतों पर झूम नाच रहे थे।
अंतत: वाहनों की रही भीड़ जगह जगह लगे जाम
नर्मदा के प्रति अटूट श्रद्धा भाव रखने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या मेे अपने अपने निजी साधनों से पंहुचे। मुख्य सड़क मार्गो पर भारी वाहनों की आवाजाही भी बनी रही। पुलिस राजस्व एवं पंचायत विभाग की प्रशासनिक सेवायें भी जारी रहीं। फिर भी ककरा घाट मे ब्रिज से लेकर बाहर धर्मशाला तक जाम जैसी स्थिति बनी रही। जहां वाहन चालकों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।