शिक्षा मंत्री के बयान पर कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष की दो टूक : शिक्षा मंत्री के बयान को कांग्रेस ने बताया आपत्तिजनक …. पढ़े पूरा मामला

नरसिंहपुर lनरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा से विधायक और प्रदेश में शिक्षा और परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने बीते सप्ताह अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण करने को लेकर पूछे गए सवाल पर ज़बाब देते हुए एक बयान दिया था शिक्षा मंत्री ने कहा था कि “अतिथि शिक्षक नियमितिकरण क्यों होगा ? अतिथि शिक्षकों का नाम क्या है ‘अतिथि’। आप हमारे मेहमान बनकर आओगे तो घर पर कब्जा करोगे क्या?” बयान के बाद कांग्रेस नेता मंत्री पर हमलावर है।
चूकी मंत्री उदय प्रताप गाडरवारा विधायक भी है इस कारण अतिथि शिक्षकों के साथ – साथ मंत्री उदय प्रताप को गाडरवारा कांग्रेस के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। मंत्री के बयान के बाद गाडरवारा कांग्रेस भी हमलावर हो गई है गाडरवारा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष जिनेश जैन ने मंत्री के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है उन्होंने कहा कि “मुझे जानकारी में आया है उनको ऐसा बोलना नही था वह उस विभाग के मंत्री है तो इनको इस तरह से नही बोलना चाहिए कहीं न कही सम्मानित गुरुवर है वो अपने गुरुओं के प्रति अच्छी बातें करनी चाहिए” इस बयान के बाद साफ हो गया है कि गाडरवारा कांग्रेस भी मंत्री के दिए बयान से एक्शन मोड़ में है और मंत्री उदय प्रताप की विधानसभा में कांग्रेस मंत्री उदय प्रताप को घेरने की तैयारी में है। और अपना विरोध दर्ज करा सकती है। कांग्रेस नेता जिनेश जैन की प्रतिक्रिया के बाद विधानसभा में लोग मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस के अगले कदम के इंतजार में है।
यह है पूरा मामला
प्रदेश में लंबे समय से अतिथि शिक्षक नियमितिकरण करण अन्य मांगो को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। हाल ही में 10 सितंबर को प्रदेशभर से भोपाल पहुंचे करीब 8 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षकों ने जमकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान भोपाल में तिरंगा यात्रा निकालकर प्रदर्शन भी किया था। बारिश के बीच करीब 6 घंटे तक यह प्रदर्शन चला था। मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़ने पर पुलिस ने अतिथि शिक्षकों को खदेड़ दिया था। जिसके बाद अतिथि शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप से भी मिला था, लेकिन बात नहीं बनी थी।
बयान पर मंत्री ने किया खेद व्यक्त
बीते दिन नरसिंहपुर पहुंचे स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह से अतिथि शिक्षकों को लेकर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि “एक विषय निकला तो मैंने कहा कि पदनाम से ही विभाग में अतिथि हैं। बाकि प्राथमिकता हम दे सकते हैं। वे हमारे अपने बच्चे हैं। कहीं कोई विसंगति नहीं है।जिन्होंने शिक्षण व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान किया तो वे हमारे अपने हैं। मैं इस पर खेद व्यक्त करता हूं। मुझे कोई संशय और संकोच नहीं है” अब जब विरोध हुआ तो मंत्री अपने ही बयान पर खेद व्यक्त करते नजर आए ।