कटनी

शराब दुकानों के रिन्यूवल की बजाय नीलामी से फायदे में रहा आबकारी विभाग , 10 समूह की 51 शराब दुकानों से मिला 320 करोड़ का राजस्व

कटनी, यशभारत। पिछले साल की तुलना में इस बार शराब दुकानों की नीलामी से राज्य सरकार को 20 प्रतिशत लाइसेंस शुल्क से ज्यादा राजस्व मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी विभाग ने नवीनीकरण में लाइसेंस फीस में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी कर दी थी, जिससे 363 करोड़ राजस्व मिलने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन शराब ठेकेदारों ने महंगा शराब ठेका लेने के प्रति रूचि नहीं दिखलाई। नवीनीकरण में एक भी शराब दुकान का ठेका नहीं हो पाया। इसके  बावजूद जिले का आबकारी विभाग फायदे में   रहा और रिनूवल की बजाए नीलामी में विभाग को ज्यादा राजस्व मिला।

बताया जाता है कि नवीनीकरण नहीं  होने  के बादद  आबकारी विभाग ने जिले की 63 दुकानों के लिए 12 समूह बनाए और  अलग-अलग समूहों का टेंडर किया गया। दो  चरणों में की गई नीलामी में  अब तक 10 समूहों की 51 दुकानों  का  टेंडर हो  गया है, जिससे  राज्य  सरकार को 320 करोड़  रूपए राजस्व मिलने का अनुमान है, जो कि सरकार  द्वारा  घोषित 20 प्रतिशत लाइसेंस फीस से अधि क है। बताया जाता है कि अब केवल 2 ग्रुप की 12 दुकानों की नीलामी होना बाकी  है,जिससे आबकारी विभाग को करीब  50 करोड़ की आय होगी। इस तरह सरकार को शराब ठेके से 363 करोड़  की बजाए 375  करोड़  का  राजस्व मिलेगा। बताया जाता है कि नई आबकारी नीति के प्रावधानों के तहत जिले की 63 फुटकर कम्पोजिट मदिरों दुकानों और एकल समूहों का निष्पादन 1 अपै्रल 2025 से 31 मार्च 2026 तक की अवधि के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला निष्पादन समिति द्वारा किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस बार शराब दुकानों से 363 करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति  का  लक्ष्य निर्धारित किया था। वर्ष 2024-25 की बात करें तो शराब  दुकानों से सरकार को 303 करोड़ रूपए का राजस्व मिला था। वर्ष 2025-26 के लिए प्रदेश के आबकारी विभाग ने लाइसेंस फीस में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की थी। लाइसेंस फीस में बढ़ोत्तरी के साथ शराब दुकानों का नवीनीकरण किया जाना था, जिससे 363 करोड़ का राजस्व मिलना था लेकिन नवीनीकरण को लेकर शराब ठेकेदारों ने कोई रूचि नहीं दिखाई।

एक नजर इधर भी

1. जिले में 63 शराब दुकानें।

2. नवीनीकरण से 363 करोड़ मिलने का था अनुमान।

3. 63 दुकानों के लिए बनाए गए अलग-अलग 12 समूह।

4. अब तक 10 समूह की 51 शराब दुकानों की नीलामी से   सरकार को मिलेगा 320 करोड़ का राजस्व।

5. दो समूह की 10 दुकानों की नीलामी से 50 करोड़ राजस्व मिलने का अनुमान।

12 समूह बनाए गए

शराब दुकानों का नवीनीकरण नहीं होने के बाद आबकारी विभाग ने 20 की बजाए 12 समूह बनाए और नवीनीकरण की बजाए टेंडर/नीलामी पर फोकस किया। जिला आबकारी अधिकारी आर के  बघेल ने बताया कि टेंडर/नीलामी के लिए किए गए दो चरण में 10 समूहों की 51 दुकानों का ठेका हो चुका है। जिससे 320 करोड़  राजस्व मिलेगा। अब कल 18 मार्च को शेष 2 ग्रुप की 12 दुकानों  की  नीलामी की जाएगी।कटनी, यशभारत। पिछले साल की तुलना में इस बार शराब दुकानों की नीलामी से राज्य सरकार को 20 प्रतिशत लाइसेंस शुल्क से ज्यादा राजस्व मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी विभाग ने नवीनीकरण में लाइसेंस फीस में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी कर दी थी, जिससे 363 करोड़ राजस्व मिलने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन शराब ठेकेदारों ने महंगा शराब ठेका लेने के प्रति रूचि नहीं दिखलाई। नवीनीकरण में एक भी शराब दुकान का ठेका नहीं हो पाया। इसके बावजूद जिले का आबकारी विभाग फायदे में रहा और रिनूवल की बजाए नीलामी में विभाग को ज्यादा राजस्व मिला।
बताया जाता है कि नवीनीकरण नहीं होने के बादद आबकारी विभाग ने जिले की 63 दुकानों के लिए 12 समूह बनाए और अलग-अलग समूहों का टेंडर किया गया। दो चरणों में की गई नीलामी में अब तक 10 समूहों की 51 दुकानों का टेंडर हो गया है, जिससे राज्य सरकार को 320 करोड़ रूपए राजस्व मिलने का अनुमान है, जो कि सरकार द्वारा घोषित 20 प्रतिशत लाइसेंस फीस से अधि क है। बताया जाता है कि अब केवल 2 ग्रुप की 12 दुकानों की नीलामी होना बाकी है,जिससे आबकारी विभाग को करीब 50 करोड़ की आय होगी। इस तरह सरकार को शराब ठेके से 363 करोड़ की बजाए 375 करोड़ का राजस्व मिलेगा। बताया जाता है कि नई आबकारी नीति के प्रावधानों के तहत जिले की 63 फुटकर कम्पोजिट मदिरों दुकानों और एकल समूहों का निष्पादन 1 अपै्रल 2025 से 31 मार्च 2026 तक की अवधि के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला निष्पादन समिति द्वारा किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस बार शराब दुकानों से 363 करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया था। वर्ष 2024-25 की बात करें तो शराब दुकानों से सरकार को 303 करोड़ रूपए का राजस्व मिला था। वर्ष 2025-26 के लिए प्रदेश के आबकारी विभाग ने लाइसेंस फीस में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की थी। लाइसेंस फीस में बढ़ोत्तरी के साथ शराब दुकानों का नवीनीकरण किया जाना था, जिससे 363 करोड़ का राजस्व मिलना था लेकिन नवीनीकरण को लेकर शराब ठेकेदारों ने कोई रूचि नहीं दिखाई।
एक नजर इधर भी
1. जिले में 63 शराब दुकानें।
2. नवीनीकरण से 363 करोड़ मिलने का था अनुमान।
3. 63 दुकानों के लिए बनाए गए अलग-अलग 12 समूह।
4. अब तक 10 समूह की 51 शराब दुकानों की नीलामी से सरकार को मिलेगा 320 करोड़ का राजस्व।
5. दो समूह की 10 दुकानों की नीलामी से 50 करोड़ राजस्व मिलने का अनुमान।
12 समूह बनाए गए
शराब दुकानों का नवीनीकरण नहीं होने के बाद आबकारी विभाग ने 20 की बजाए 12 समूह बनाए और नवीनीकरण की बजाए टेंडर/नीलामी पर फोकस किया। जिला आबकारी अधिकारी आर के बघेल ने बताया कि टेंडर/नीलामी के लिए किए गए दो चरण में 10 समूहों की 51 दुकानों का ठेका हो चुका है। जिससे 320 करोड़ राजस्व मिलेगा। अब कल 18 मार्च को शेष 2 ग्रुप की 12 दुकानों की नीलामी की जाएगी।

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