योजना अपार 3 करोड़ का भ्रष्टाचार: ग्राम पंचायत में विकास कार्य के नाम पर सरपंच ने किया घोटाला ….पढे पूरी रपट
पूर्व सरपंच ने लगाया आरोप

ग्वालियर । मध्यप्रदेश सरकार की तमाम सख्ती के बावजूद प्रदेश की ग्राम पंचायतों में फर्जीवाड़ा और घोटाला थमने का नाम नहीं ले रहा है अक्सर ग्राम पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों में घोटाले की खबरें अक्सर सामने आती रही हैं और इन घोटालों को अंजाम देते हैं ग्रामीण क्षेत्रों की भोलीभाली जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि अर्थात सरपंच सचिव रोजगार सहायक और जनपद सदस्य, लेकिन की शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होना कहीं न कहीं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।ताजा मामला शिवपुरी जिले की ग्राम पंचायत धौरिया हुआ घपला का है जहाँ सरपंच ने ग्राम पंचायत में हो रहे विकास कार्यों में लगभग 3 करोड़ के घोटाले को अंजाम दे दिया ।
वहीं सरपंच राम गोपाल वर्मा द्वारा पीएम आवास योजना के अंतर्गत आदिवासी समुदाय को दिए जाने वाले आवासों में भी कमीशन लेकर आवास बांटे गए, और तो और ग्राम में बने तालाब की खुदाइ का फर्जी तरीके से जीर्णउद्धार योजना के तहत दो बार पेमेन्ट निकाल दिया जबकी नियमों को देखा की जिर्णउद्धार योजना के तहत किसी भी निर्माण कार्य में 7 वर्ष में कार्य होता है लेकिन धौरिया गांव में सरपंच ने, 2 साल में ही कइ बार फर्जी तरीके से तालाब निर्माण कार्य में पेमेन्ट निकाल दिया वही बात की जाये तो ग्रामीणो का कहना है की आज दिनांक तक पंचायत भवन में ताला डला हुआ है और कभी सरपंच ग्राम में नही आते और ना ही कोइ मीटिंग होती है वही जब गरीब और असहाय आदिवासियों ने सीईओ जिला पंचायत को शिकायत की तो उन्होंने इस तरफ से आंखें बंद कर लींl
इसके बाद प्रशासन के उदासीन रवैए से घोटालेबाज सरपंच रामगोपाल वर्मा की हिम्मत बढ़ गई और शिकायत करने वाले पीड़ित आदिवासियों को सीधे तौर पर धमकी दे दी। हालांकि इसके बात पीड़ितों ने कलेक्टर रविन्द्र चौधरी से गुहार लगाई है अब मामला शिवपुरी कलेक्टर रविन्द्र चौधरी के संज्ञान आया है और उन्होंने कार्रवाई की बात कही है लेकिन राजनीतिक रसूख वाले सरपंच के खिलाफ कब तक और कैसे कार्रवाई प्रशासन कर पाता है ये देखना होगा।