मठ मंदिर सहित जिले के शिवालयों में महाशिवरात्रि पर्व की हो रही तैयारी : धूमधाम से निकलेगी महादेव की प्रतीकात्मक बारात,शुरू हो गई रस्में

सिवनी यश भारत:-जिले में महाशिवरात्रि पर्व की तैयारी शुरू हो गई है। जहां हर्षोल्लास से जिलेभर के शिवालयों में भोलेनाथ का विशेष पूजन किया जाएगा। वहीं आदि शंकराचार्य द्वारा पूजित सिद्धपीठ मठ मंदिर में महाशिवरात्रि पर देवाधिदेव महादेव और मां पार्वती का प्रतीकात्मक विवाह बड़े ही धूमधाम से कराया जाएगा। महादेव और मां पार्वती के विवाह की तैयारी पूरी हो चुकी है। विवाह के लिए कार्ड भी छप गए है और इन्हें हर घर तक पहुंचाया जा रहा है।
रात्रि से रस्मो की हुई शुरुआत:-
मठ महाकाल समिति के लोगो ने बताया है कि जिले में भगवान शिव और मां पार्वती का प्रतीकात्मक विवाह बिलकुल ऐसे होता है जैसे आपके घर में विवाह समारोह आयोजन होता है।विलकुल वैसे ही विवाह की सभी रस्में भी होती हैं, जैसे हल्दी, मेहंदी, संगीत। मां पार्वती के विवाह के कार्ड में सभी चीजें विलकुल वैसी है जैसे कि जब अपने घरों में शादी विवाह के समय कार्ड में अंकित होता है।
नगर पालिका रहेगा बधु पक्ष:-
वर पक्ष मठ मंदिर समिति और वधु पक्ष नगर पालिका परिषद है। विवाह के आयोजन में होने वाली रस्मों में भगवान शिव के विवाह समारोह में हल्दी की रस्म आज 24 फरवरी को रात आठ बजे से शुरू हो गई।इसके बाद 25 फरवरी को मेहंदी व संगीत की रस्म रात आठ बजे शुरू होगी।
26 को होगा विवाह:-
24 व 25 फरवरी की रात 8.30 बजे भगवान भोलेनाथ की भव्य महाआरती होगी। देवों के देव महादेव का शुभविवाह 26 फरवरी को होगा। इसके लिए विवाह स्थल मठ मंदिर के बगल में ही खेत में बनाया जा रहा है। भगवान शिव की बारात मठ मंदिर से ही शाम पांच बजे प्रस्थान करेगी।
बन रहा खास संयोग:-
ज्योतिषाचार्य राघवेंद्र शास्त्री ने बताया है कि वर्ष 1965 के बाद इस वर्ष महाशिवरात्री पर खास संयोग बनने जा रहा है। ऐसे में महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक अवश्य करना चाहिए। साथ ही 108 राम नाम लिखा बेलपत्र अगर भगवान शिव के शिवलिंग पर अर्पण करते हैं तो भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न हो जाएंगे। इस बार 60 वर्ष के बाद महाशिवरात्रि पर दुर्लभसंयोग में महाशिवरात्रि का व्रत 26 फरवरी को रखा जाएगा। इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह भी संपन्न हुआ था।
झांकिया रहेगी आकर्षण का केंद्र:-
इस प्रतीकात्मक विवाह की बारात शहर के अहम चोक चौराहों से निकलेगी जिसमे भूत प्रेत, नंदी,गणेश,कार्तिकेय, ब्रम्हा-विष्णु सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र रहेगी।