भागवत कथा हुई, अब राम कथा होगी..! – बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा नर्मदा माई के किनारे आयोजन की इक्छा

जबलपुर। पनागर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में राम-कृष्ण के समान भाव का वर्णन कर रहे बाघेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी ने कहा कि उनकी बड़ी इच्छा है कि वे मां नर्मदा माई के किनारे श्रीराम कथा करें। नर्मदा मैया के किनारे ही मंच लगे, और माई की जलधार के प्रवाह के साथ नौ दिन या पांच दिन की रामकथा हो। जैसा रामजी चाहेंगे वैसा होगा, पर मैंने अपनी इच्छा आपको बताई। उन्होंने कहा कि मैं हर दो साल में जबलुपर आना चाहूंगा। अभी तो पनागर थोड़ा दूर आया। अगली बार जबलपुर में ही झंडा गाड़ेंगे। जबलपुर की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी जबलपुर वासी भाग्यशाली हैं जो नर्मदा जी के किनारे रह रहे हैं। इस शहर को संस्कारों की नगरी इसी लिए कहा गया है क्योंकि यहां वालों को नर्मदा मैया का सानिध्य मिला हुआ है। आज महाराज श्री ने स्यामंतक मणि की कथा, जामवंती विवाह, पूतना वध, शिवजी द्वारा कृष्ण के दर्शन कथा सुनाई।
कालिमा लग गई है-:
उन्होंने कहा कि हमारे आपके जीवन में कालिमा लग गई, जिसे कालिख भी कहते हैं। काला धन क्या है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमारा मानना है है किसी के अधिकार पर किसी और का कब्जा कर लेना, यही कालाधन है। हम लोगों का यही हाल है। संसार, शरीर, श्वांस सब भगवान की है, पर कब्जा हमारा है। यही कालिमा हममें लगी हुई है। यही कालाधन हम लिए बैठे हैं। ऐसे में रिकवरी अपनी ही निकलनी चाहिए। यदि श्वांस हमारी होती तो हम अपने हिसाब से लेते। श्वांस भगवान की है, सब कुछ भगवान का है, फिर भी हम सब कुछ अपना समझते हैं।
भगवान ने रो के बदला चुकाया:-
राम-कृष्ण की समानता की चर्चा करते हुए महाराजश्री ने कहा कि अयोध्या में जब भगवान भोले नाथ प्रभु श्रीराम के दर्शन करने गए तो उनकी आंखों में आंसू थे। उन आंसुओं को देख कर श्रीराम ने कहा कि इस जनम में आप मेरे दर्शन के लिए रोए हैं, अगले जनम में आपके दर्शन के लिए मैं रोऊंगा। ये दोनों कथाएं राम-कुष्ण में समानता का वर्णन देती हैं। उन्होंने कहा कि राम का जन्म दिन को 12 बजे हुआ तो रात दुखी हो गई। क्योंकि सूर्य एक माह तक गए नहीं। इसलिए रात ने भगवान से प्रार्थना की मुझमें कलंक न लगे। भगवान ने कहा सबसे ज्यादा अंधियारी कब होती है। उन्होंने कहा कि भाद्र में। भगवान ने कहा कि तुम्हारे साथ अन्याय नहीं होगा। भादों में आधी रात 12 बजे आएंगे। भगवान किसी के साथ अन्याय नहीं करते।
त्रेता के वचन द्वापर में निभाए-:
राम-कुष्ण की समानता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मिथिला में भगवान ने प्रेममय सखियों से कहा कि अभी हम एक विवाह करेंगे, पर जब द्वापर में जनम लेंगे तो आप सब हमारी रानी होंगी। उन्होंने कहा कि कृष्ण को तब समझोगे जब राम कथा पढ़ोगे। क्योंकि श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम और कृष्ण लीला पुरुषोत्तम हैं। विपरीत दिखते हुए भी दोनों गहराई में समान हैं। भगवान राम के जीवन में नियम ही नियम हैं, कृष्ण के जीवन में एक ही नियम कि कोई नियम ही नहीं है। राम के जीवन में संकल्प हैं, कृष्ण के जीवन में कोई संकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि भगवान वही जो भक्त का मान रखे। भक्त वही जो भगवान का स्वाभिमान रखे।
दोनों मैयों ने दुख पाया-:
उन्होंने कहा कि रघुनाथ जी और भगवान कृष्ण की समानता की लीलाओं में यदि हम आपको कहें तो श्री जानकी मां और राधा मां दोनों ने दुख पाए। मैया को दो-दो बार वन जाना पड़ा। राधिका मां को भी सौ साल का वियोग सहना पड़ा। जैसे राम-कृष्ण में अंतर नहीं, वैसे राधा-जानकी में भी अंतर नहीं है। माताएं बड़ी ममता वान होती हैं, भगवान न सुनें तो माता को पुकार लो, भगवान को सुनना ही पड़ेगा। भगवान का नाम संवरने का सहारा है, भगवान की कथा निखरने की सहारा है। दुनिया में जाता हूं तो बिखर जाता हूं, तेरे दर पे आता हूं तो निखर जाता हूं। भक्ति बिना भगवान नहीं।
श्याम बैंड की प्रस्तुति ने मन मोहा-:
आज श्याम बैंड की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया। महाराजश्री के कहने पर श्याम बैेंड की पार्टी ने सजा दो घर को दुल्हन सा, मेरे सरकार आए हैं.. गीत बजाया। आज की आरती विधायक तरुण भनोत, अशोक रोहाणी, जीएस ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने की। आयोजक पनागर विधायक इंदू तिवारी, माया तिवारी, हर्ष तिवारी, अमन तिवारी ने सभी का स्वागत किया। आज गुरुवा की कथा में रुकमणि विवाह होगा।