जबलपुरमध्य प्रदेश

बैंक लोन में करोड़ों का फर्जीबाड़ा : मजदूरों के नाम पर मिल मालिक डकार गया सब्सिड़ी, बैंक की सर्च रिर्पोट खंगाल रही क्राइम ब्रांच

यूनियन बैंक की विजयनगर शाखा से दिलाया था लोन, जांच जारी

जबलपुर, यशभारत। बैंक लोन मिलने की चाहत में श्रमिकों के दस्तावेज पेश कर करोड़ों का फ र्जीबाड़ा करने वाला शातिर मिल कारोबारी सुरेश मतानी फरार है, क्राइम ब्रांच बैंक की सर्च रिपोर्ट खंगाल रही है। आरोपी की तलाश में जगह-जगह छापेमारी जारी है। उसके ठिकानों का पता लगाया गया तो हर जगह ताला लटका मिला। जिसके बाद आशंका जाहिर की गई कि फ र्जीवाड़े की शिकायत सामने आने की सुगबुगाहट में वह भागा है। इधर, इसके शिकार मजदूर युवकों ने क्राइम ब्रांच थाना पहुंचकर बयान दर्ज कराए।

यह है पूरा मामला
आइटीआइ नरेंद्र सिंह ठाकुर ने पुलिस अधीक्षक बहुगुणा से बैंक लोन फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। वाहनों की धुलाई का काम कर परिवार पालने वाले नरेंद्र के तीन स्वजन के नाम पर 70-75 लाख रुपये का लोन ले लिया गया था। इस लोन की उसे जानकारी नहीं थी। मिल कारोबारी शांति नगर निवासी सुरेश मतानी से उसकी जान पहचान थी। बैंक से 50 हजार रुपये का लोन दिलाने के बहाने उसने नरेंद्र की पत्नी व भाई के पहचान संबंधी मूल दस्तावेज लिए थे। जिसके बाद तमाम दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर कराए। यूनियन बैंक की विजयनगर शाखा से तीनों के नाम पर लाखों का रोजगार लोन स्वीकृत हो गया। रोजगार योजना में सरकार 8-9 लाख रुपये की सब्सिडी दे रही है। सुरेश मतानी के झांसे में आकर नरेंद्र ने उसे करीब 20 लोगों के पहचान संबंधी दस्तावेज दिए थे। जिसमें से 12 मजदूरों के नाम पर उसने करोड़ों का लोन स्वीकृत कराया। लोन की रकम उसने ज्योति फूड्स रजिस्टर के खाते में ट्रांसफ र कर दी। लाखों की सब्सिडी भी इसी खाते में भेजी गई। सात मजदूर ऐसे हैं जो यूनियन बैंक नहीं गए थे, परंतु उनके नाम पर भी लोन स्वीकृत हो गया।

2020 में हुई थी शुरुआत
नरेंद्र ने बताया कि फ र्जीवाड़े की शुरुआत जनवरी 2020 में हुई थी। उसी समय सुरेश मतानी मजदूर युवकों के पहचान संबंधी दस्तावेज प्राप्त कर उनसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराता रहा। 50 हजार का लोन पाने का सपना देख रहे मजदूरों को एक सप्ताह पहले पता चला कि लाखों की सब्सिडी खाने में मतानी ने उनका इस्तेमाल कर लिया।

बैंक अधिकारियों पर शिकंजा
्र यूनियन बैंक विजयनगर शाखा के संबंधित अधिकारी व कर्मचारी संदेह के घेरे में आ गए हैं। पुलिस भी हैरान है कि मजदूरों के नाम पर लाखों-करोड़ों का लोन कैसे स्वीकृत कर दिया गया। योजना की सर्च रिपोर्ट किस आधार पर तैयार की गई थी।

 

इन्होंने कहा…
मामले की बारीकी से जांच की जा रही है। करोड़ों का फर्जीबाड़ा हो सकता है, बैंक अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है, आरोपी फरार है। जिसको गिरफ्तार करने लगातार छापेमारी कार्रवाई जारी है।
डीएसपी सुशील चौहान, क्राइम ब्रांच

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