बिन ब्याही नाबालिग मां का प्रसव : मचा हड़कंप, अवैध प्रसव तथा गर्भपात कराए जाने का रैकेट संचालित करने की आशंका
यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/ शहर के तिलकगंज क्षेत्र में संचालित सूर्या मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल के प्रबंधन द्वारा बिन ब्याही नाबालिग़ मां का चोरी छुपे प्रसव करने की खबर से चिकित्सा व स्वास्थ्य महकमे तथा प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। अस्पताल प्रबंधन की इस शर्मनाक करतूत उजागर होने के बाद नाबालिग को गर्भवती बनाने के इस मामले के आरोपी को थाना केंट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
तिलकगंज स्थित सूर्या मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल में गत दिनों सुबह एक नाबालिक बालिका का प्रसव कराए जाने की सूचना पर बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड की टीम के साथ कुछ समाजसेवी संगठन के सदस्यों ने पहुंचकर कार्यवाही की और वहां छुपाकर रखी गई नाबालिग बालिका को सीढियों के नीचे से बरामद किया।
इस मामले में अस्पताल प्रबंधन द्वारा अपनी गलती को छिपाने के लिए नाबालिग तथा उसके नवजात शिशु की जान की परवाह किए बिना उसे बेसमेंट में स्थित सीढियों के नीचे छिपा दिया। समिति सदस्यों द्वारा जब अस्पताल में मामले की खोजबीन की जा रही थी तभी सीढियों पर पैरों के निशान देखकर समिति के सदस्य और समाजसेवी वहां पहुंचे और खोजबीन के बाद नाबालिग किशोरी को तलाश कर बाहर निकाला।
समिति सदस्यों द्वारा खोजबीन में सामने आया कि जिस बालिका को भर्ती किया गया था उसके भर्ती के संबंध में अस्पताल मे कोई रिकॉर्ड, दस्तावेज या जानकारी मौजूद रजिस्टरों में नहीं थी। बालिका के नाबालिग और अविवाहित होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई थी। इसके अलावा बालिका के परिजनों को भी अस्पताल प्रबंधन ने छिपा दिया था। जिससे अस्पताल प्रबंधन का नियम विरूद्व कार्य करने का उद्देश्य साफ समझ में आ रहा था।
बाल कल्याण समिति तथा किशोर न्याय बोर्ड और समाजसेवियों को सूचना मिलने तथा मामले की जांच करने पहुंचने पर अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों तथा अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन्हें धमकाने के आरोप लगाए गए हैं। समिति द्वारा मौके पर पुलिस को सूचना देने के बाद पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर कार्यवाही करते हुए अस्पताल प्रबंधन से नाबालिग से उसके हालचाल और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली। बालिका को जिला अस्पताल में उचित देखरेख के लिए भर्ती कराया गया। इस पूरी कार्यवाही में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्रीमती किरण शर्मा, सुरेन्द्र सेन,
अनीता राजपूत, अनिल रैकवार, भगवत शरण बनवारिया, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य वंदना तोमर, चंद्रप्रकाश शुक्ला सहित समाजसेवियों में उमेश सराफ सहित अन्य लोग शामिल रहे।
इस मामले में जहां चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है वहीं पुलिस, प्रशासन और चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल प्रबंधन तथा इसके दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं किए जाने पर सवालिया निशान लग रहे हैं। वहीं इस घटना के उजागर होने के बाद समिति सदस्यों ने अस्पताल द्वारा अवैध प्रसव तथा गर्भपात कराए जाने के रैकेट को संचालित करने की आशंका व्यक्त करते हुए संपूर्ण रिकॉर्ड तथा सीसी कैमरे की हार्डडिस्क को सील कर जांच कराने की मांग भी की है।