
जबलपुर, यशभारत। अपने भड़काउ भाषण के चलते सुर्खियों पर रहने वाले मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी की रिहाई को लेकर जबलपुर में मुस्लिम महिलाएं सड़क पर उतर आई है। ठक्करग्राम के सुब्बाशाह मैदान में दर्जना मुस्लिम महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि शेरो-शायरी करना मुनाह तो नहीं है और मौलाना साहब ने एक शेर ही पढ़ा था जिसमें उन्हें जेल पर डाल दिया गया है। हमारी मांग है कि मौलाना साहब को जल्द से जल्द रिहा किया जाए। उल्लेखनीय है कि गुजरात में 31 जनवरी को मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी को भड़काउ भाषण देने परे गिरप्तार किया गया था।
विरोध प्रदर्शन कर रही मुस्लिम महिलाओं का कहना था कि आज जो
प्रदर्शन रैली निकाली है धर्मगुरु मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी साहब के लिए है, जिन्हें एक महीने पहले गिरफ्तार किया गया उन्होंने अपनी एक आमसभा में एक शेर पड़ा था जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ देर की खामोशी है शोर आएगा आज कुत्तों का दौरा आज कुत्तों का वक्त है कल हमारा दौर आएगा । इस शेर में मौलाना साहब ने किसी जाति विशेष का नाम नहीं लिया किसी धर्म विशेष को टारगेट नहीं किया किसी समुदाय विशेष को टारगेट नहीं किया बल्कि उन्होंने शेर का इस्तेमाल किया और जिसकी वजह से उनके ऊपर एफआईआर दर्ज कराई गई और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी कि जिसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया लेकिन आज उनको अपने घर से निकले हुए एक माह हो रहे हैं और वह अपने घर नहीं पहुंचे हैं और पुलिस ने गिरफ्तार करके रखा हुआ है तो जबलपुर की तमाम मुस्लिम महिलाओं की यह मांग है कि हमारे धर्मगुरु मुफ्ती मौलाना सलमान अजहरी साहब को जल्द से जल्द बाय इज्जत बरी कर दिया जाए।
3 माह की जेल सजा गलत
महिलाओं ने कहा कि हजरत मौलाना मुफ्ती सलमान साहब को रिहा किया जाए जैसे कि अभी सुनने में आ रहा है कि उनको 3 महीने की जेल की सजा भी सुना दी गई है हम सब की यही मांग है कि उन्हें जल्द जमानत दी जाए क्योंकि ऐसा कोई भी जमाली जुमला या फिर कोई भी बात उन्होंने नहीं की है जो किसी खास धर्म के लिए फिर खास समुदाय के लिए हो वह एक शेर था जो नॉर्मल है। ऐसी कोई भी बात वहां हुई ही नहीं जिसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार किया जाए लिहाजा हम तमामिन की यही मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए आज के विरोध प्रदर्शन में किसी भी महिला ने किसी किस्म का कोईनारा नहीं दिया और न ही किसी को दोषी ठहराया गया है सिर्फ मौलाना साहब को रिहा करने की मांग रखी गई है।