अजमेर पॉक्सो कोर्ट ने 11 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या करने वाले दरिंदे को फांसी की सजा सुनाई है। 21 जून 2021 की सुबह पुष्कर के बड़ी होकरा गांव में 11 साल की बच्ची बैजनाथ शिव मंदिर की पहाड़ी पर बकरियां चराने गई थी। शाम तक वह घर नहीं लौटी। परिजनों और ग्रामीणों ने बच्ची की तलाश की तो पहाड़ी पर उसकी चप्पल व कुल्हाड़ी मिली। फिर रात करीब 12 बजे उसका शव अर्द्ध नग्न हालात में झाड़ियों के बीच मिला। अदालत ने करीब 4 माह में फैसला सुनाया है।
पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही संदिग्धों को पकड़ा था। इसमें सुंदर उर्फ सुरेंद्र उर्फ संतू शामिल था। इसे ग्रामीणों ने पहाड़ी के आसपास देखा था। सख्ती से पूछताछ करने और दबाव बनाने के बाद उसने अपना जुर्म कबूल लिया। उसने बताया कि वह शराब के नशे में पहाड़ी पर बैठा था। इस दौरान मासूम को देखकर उसकी नीयत बिगड़ गई। उसने दुष्कर्म किया। इसके बाद पत्थर से सिर कुचल कर हत्या कर दी।
पुलिस ने 25 जून को न्यायालय में चार्जशीट पेश की और सुनवाई शुरू हुई। मंगलवार को न्यायालय ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक रूपेन्द्र कुमार परिहार ने बताया कि मामले में 20 गवाह व 51 दस्तावेज पेश किए।
पशुवत जैसा घिनौना अपराध
न्यायाधीश रतनलाल मूंड ने दोषी पर फांसी के साथ एक लाख पच्चीस हजार रुपए के अर्थ दंड लगाया है। कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा- 13 वर्षीय बच्ची के साथ पशुवत जैसा गंभीर घिनौना अपराध किया है। ऐसा अपराध दर्लभतम श्रेणी का है। इस घटना से समाज में आक्रोश व भय का माहौल पैदा हो गया। दोषी ने दूषित मानसिकता से मृतका के साथ अपने काम बिपाशा को शांत करने के लिए क्रूरता और बेरहमी से पत्थरों से सिर पर मार मार कर उसकी हत्या की है। दोषी को इस घटना का कोई पश्चाताप हो, ऐसा प्रकट नहीं होता।