प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति कि अब होगी जांच: शासन को पहुंचाई भारी क्षति, कैबिनेट मंत्री को सौंपा ज्ञापन

मंडला, यश भारतlप्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति 358 निवास के अंतर्गत समिति सदस्य (वर्तमान एवं पूर्व), संग्राहकगण विश्नू सिंह मरावी पूर्व अध्यक्ष के कार्यकाल में जमकर भ्रष्ट्राचार हुआ है, तत्कालीन पालक अधिकारी निवास एवं प्रबंधक द्वारा भी इनको पूर्ण सहयोग प्रदान कर शासन को भारी क्षति पहुंचाई है।
इनके कार्यकाल में कार्यालय किराया, सुरक्षा श्रमिकों का सीजनल भुगतान समस्त विकास कार्यों के प्रबंधक द्वारा लिये गये ऋण, लघु वनोपज क्रय एवं आय व्यय की जानकारी इत्यादि संबंधी समस्त दस्तावेजों की जाच करायी जाए, जिनमें अत्याधिक मात्रा में शासन को वित्तीय हानि पहुंचाई गई है।
इस बात की शिकायत लेकर निवास वन समिति के सदस्य 23 फ़रवरी को मण्डला पहुँचकर कैबिनेट मंत्री श्रीमती संपतिया उइके के निवास स्थान पहुँचे जहाँ सदस्यों ने कैबिनेट मंत्री को ज्ञापन देकर कार्यवाही की मांग की है। शिकायत कर्ताओं के द्वारा वर्तमान पालक अधिकारी एवं परिक्षेत्र अधिकारी एवं अन्य परिक्षेत्र के कर्मचारियों पर लगातार दबाव बनाकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताडित करने एवं जनविकास के कार्य में विवाद उत्पन्न कर बाधा डालने एवम धमकी देकर एस. टी. एस. सी. थाने में शिकायत करने की धमकी देने की भी शिकायत की गई।
यह लगाया आरोप
शिकायत में बताया गया कि प्राथमिक लघुवनोपज सहकारी समिति 356 निवास अंतर्गत 01 वर्ष पूर्व कराये गये प्रबंधक भर्ती परीक्षा में भ्रष्ट्राचार एवं अनियमितता हुई है ।
जिसमें नरूप सिंह मरावी पिता रनमत ग्राम देवड़ोगरी एवं श्री सुरेन्द्र सिंह बरकड़े पिता ओमकार बरकडे, ग्राम जरहाडीह के मूल्यांकन में अधिक अंक होने के बावजूद अपात्र कर दिया गया । अपात्र आवेदक को अंकों का फेरबदल कर कार्यों में कांट-छांट कर फर्जी कार्ड बनाकर पात्र बताकर प्रबंधक नियुक्ति की गई है। तत्संबंध में उचित जांच कराकर प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति निवास में की गई प्रबंधक भर्ती परीक्षा को रद्ध करने की भी मांग की गई।
प्रबंध संचालक को भी दिया आवेदन
सदस्यों के द्वारा इस बात की शिकायत आवेदन प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी यूनियन पश्चिम सामान्य वन मंडल मण्डला को भी दोषियों पर कार्यवाही करने की भी मांग की गई है। इसके साथ ही फर्जी हस्ताक्षर बिना पालक अधिकारी एवं प्रबंधक को सूचना दिये फर्जी प्रस्ताव पारित कर अधिकारी, कर्मचारी की छवि खराब कर उन्हें प्रताड़ित करने विश्नू सिंह मरावी अध्यक्ष के कार्यकाल की जांच कराई जाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की गई।