पैरामेडिकल कॉलेजों से वसूली को लेकर हाईकोर्टं ने मांगा जवाब एक छात्र के नाम पर कई कॉलेजों ने ली करोड़ों की स्कॉलर
दस वर्षो में पन्द्रह करोड में से केवल एक करोड तेईस लाख की रिकवरी

जबलपुर,यशभारत। मध्यप्रदेश में वर्ष 2009 से 2013 तक मध्यप्रदेश के समस्त पैरामेडिकल कॉलेजों द्वारा एक ही छात्र के नाम पर अलग अलग कॉलेजों ने रकम निकालकर करोडों रूपये डकार लिये थे जिसकी समिति द्वारा जांच के बाद सरकार ने वसूली के आदेश दिये थे जिसके विरोध में पैरामेडिकल कॉलेजों द्वारा हाईकोटज़् में अपील की गई थी, जिस पर सभी पैरामेडिकल कॉलेजों द्वारा ली जा रही आपत्तियों और दावों को सुनकर कलेक्टर द्वारा वसूली करने के आदेश को पारित करने और स्वविवेक पर अपराधिक मामले दर्ज करने के लिये स्वतंत्र होगें। जिसके आदेश के बाद आज तक किसी भी जिले में रिकवरी की कारज़्वाई आगे नहीं बढाई गयी जिसको लेकर एक जनहित याचिका लगाई थी जिसकी सुनवाई के बाद न्यायालय ने आयुक्त जनजातीय कायज़् विभागएआयुक्त पिछडा वगज़् एवं अल्पसंख्यक कल्याण बोडज़् तथा आयुक्त अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग को दो सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है
विदित हो कि 2016 के आदेश के बाद 2022 तक दस साल बीत जाने के बाद आज तक पन्द्रह करोड की वसूली के नोटिस जारी होने के बाद केवल एक करोड तेईस लाख रूपये ही वसूल किया गया था जिसका मतलब है कि 92 प्रतिशत राशि अभी भी इन भ्रष्टाचारी पैरामेडिकल कॉलेजों से वसूल किया जाना है।