जैनाचार्य श्री विशुद्ध सागर का मंगल आगमन : हुई भव्य आगवानी

दमोह,पथरियाl धर्म गौरव का ऐतिहासिक क्षण पथरिया नगर की पुण्यधरा पुनः धर्म, संयम और पुण्य प्रभावना की दिव्य आभा से आलोकित हो उठी है।परम पूज्य समाधि सम्राट वात्सल्य रत्नाकर गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य अध्यात्म योगी पट्टाचार्य आचार्य गुरुदेव श्री 108 विशुद्ध सागर जी महामुनिराज का चातुर्मास वर्षायोग 2025 का मंगल आयोजन वीरागोदय तीर्थ, पथरिया में होने जा रहा है ।
पथरिया नगर में श्री 108 विशुद्ध सागर जी महामुनिराज ससंघ की भव्य, ऐतिहासिक, अद्भुत और अनुपम अगवानी का पुण्य अवसर भी नगरवासियों को प्राप्त हुआ है।
इस भव्य अवसर को अविस्मरणीय, ऐतिहासिक और अद्वितीय बनाने में संपूर्ण पथरिया नगर की सर्व समाज सकल दिगंबर जैन समाज, समस्त आयोजन समितियों, वीरागोदय तीर्थ क्षेत्र समिति, चातुर्मास आयोजन समिति, युवा मंडल, महिला मंडल, बालिका मंडल, एवं समस्त श्रद्धालु समाजजनों ने दिन-रात अपनी पुण्य भावना, समर्पण और अथक परिश्रम से इस आयोजन को धर्म इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बना दिया।
भव्य मंगल आगवानी में सिलवानी से आई व्यायाम शाला,दिव्य घोष ने शमा बांध दिया,एक से हैरतअंगेज कारनामों को देख देर तक लोग तालिया बजाते रहे।जलूस की लंबाई 1 किलोमीटर से अधिक की रही जिसमें बैंड बाजे,डीजे ,घोड़ा बग्गी, महिलाए सिर पर कलश विराजित कर भक्ति नृत्य में मग्न दिखी। श्रद्धालुओं ने अपने घरों के सामने तोरण द्वार सजाकर भावों से भरे कलश में जल लेकर चरण धुलाए।जलूस बड़े जैन मंदिर में संपन्न हुआ। जहां मंगल देशना का लाभ भक्तों को प्राप्त हुआ।







