जबलपुर में जाम की स्थिति से निपटने स्थानों को चिन्हित कर, जनता से सुझाव लेकर, दुरुस्त करें : आईजी उमेश जोगा
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जबलपुर जोन ने ली बैठक, सडक दुर्घटना की समीक्षा कर, यातायात सुधारने दिए निर्देश
जबलपुर, यशभारत। आज उमेश जोगा, आईजी के द्वारा जिला जबलपुर में यातायात दुर्घटनाओं को रोकने, मृत्यु में कमी लाने एवं यातायात व्यवस्था सुधारने हेतु डी.आई.जी. जबलपुर आर.आर.एस. परिहार, एस.पी. सिद्धार्थ बहुगुणा, अति. पुलिस अधीक्षक यातायात प्रदीप शेंडे, अति- पुलिस अधीक्षक संजय अग्रवाल, उप पुलिस अधीक्षक यातायात, नगर पुलिस अधीक्षक गोरखपुर, थाना प्रभारी गोरखपुर ग्वारीघाट, थाना प्रभारी यातायात इत्यादि पुलिस अधिकारियों की बैठक कार्यालय के सभा कक्ष में ली गई। जिसमें वर्तमान समय में बाढ़ से निपटने प्रभारी कदम उठाने निर्देश दिए गए साथ ही यातायात की सघनता होने के कारण ग्वारीघाट, कटंगा तिराहा, रानीताल चौक में बन रही जाम की स्थिति से निपटने,ऐसे स्थानों को चिन्हित कर, वहां के व्यापारियों, जन प्रतिनिधियों एवं जनता के सुझाव प्राप्त कर, उनके सहयोग से व्यवस्था दुरुस्त करने निर्देशित किया गया।
2022 में हुई 1967 यातायात दुर्घटनाएं
समीक्षा में पाया गया कि जिला जबलपुर मे वर्ष 2022 में जनवरी से जून तक 6 माह की अवधि मे 1967 यातायात दुर्घटनाएं घटित हुई है। जिनमें 209 व्यक्तियों की मृत्यु हुई एवं 2048 व्यक्ति घायल हुए है। उक्त अवधि में 302 भादवि के अपराध में मृत व्यक्यिों की संख्या 36 होना पाई गई। हत्या की अपेक्षा लगभग 6 गुना अधिक व्यक्ति यातायात दुर्घटनाओं मे मृत हो रहे है। माननीय सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के द्वारा प्रतिवर्ष गत वर्ष की अपेक्षा 10 प्रतिशत दुर्घटनाओं में कमी लाये जाने हेतु कार्यवाही करने के निर्देश है। अति. पुलिस महानिदेशक के द्वारा निर्देशित किया गया कि वर्ष 2022 में घटित प्रत्येक यातायात दुर्घटना की समीक्षा कर यह देखा जावे कि वह यातायात दुर्घटना किस स्थान पर, किस समय पर एवं किस कारण से घटित हुई।
दुर्घटना के उपाय कर, की जाए व्यवस्था
यातायात दुर्घटना के घायल, संबंधित चालक, विवेचक से यह जानकारी प्राप्त की जावें कि दुर्घटना चालक को नींद का झोका आने से,चालक शराब के नशे में होन,ओवर लोडिंग ,अंधा मोड,सड़क खराब होने,चालक द्वारा वाहन असावधानीपूर्वक चलान,तेज गति,वाहन मे खराबी आ जाने के कारण,अचानक किसी जानवर के सामने आ जाने के इत्यादि कारणों का वर्गीकरण कर, इसकी समीक्षा उपरांत यातायात दुर्घटना को रोकने के लिए दुर्घटना के स्थान पर उपाय कर व्यवस्था कराई जावें, जिससे भविष्य मे दुर्घटना कारित न हो। यह भी समीक्षा की जावें कि कितनी दुर्घटनाओं में यदि चालक सावधानी पूर्वक वाहन चलाता तो दुर्घटना रूक सकती थी।
ब्लैक स्पॉट का परीक्षण करें
यातायात दुर्घटना के ऐसे स्पॉट जहॉ पर गत वर्षों से लगातार दुर्घटना हुई है ऐसे ब्लैक स्पॉट का सूक्षमता से परीक्षण कर अतिक्रमण, होर्डिंग, रोड़ मार्किंग का परीक्षण कर आवश्यकता होने पर गति अवरोधक लगाने, सभी ब्लैक स्पॉट का परिशोधन कराकर स्थान को दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने, यातायात चिन्ह लगाने, प्रकाश की व्यवस्था कराने, उक्त स्थानों पर संबंधित अनुविभागी अधिकारी,बीट प्रभारी द्वारा समय-समय पर भ्रमण कर यातायात व्यवस्था का आंकलन कर समाधान कारक परिणाम निकालकर दुर्घटना रोंकने हेतु कार्यवाही कराने के निर्देश दिये गये। भ्रमण के दौरान संबंधित रोड़ एजेंसी के अधिकारी एवं प्रशासन के अधिकारियों को साथ को भी साथ लेने के निर्देश दिये गये।
यातायात सुगम बनाने किया निर्देशित
अति. पुलिस महानिदेशक के द्वारा निर्देशित किया गया कि जबलपुर में यातायात की सघनता होने के कारण कई स्थानों पर अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है। ग्वारीघाट, कटंगा तिराहा, रानीताल चौक इत्यादि ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाकर वहां के व्यापारियों, जन प्रतिनिधियों एवं जनता के सुझाव प्राप्त कर, उनके सहयोग से ऐसी व्यवस्था की जावें जिससे वहॉ जाम न लगे एवं आम जनता को आने-जाने में सुविधा रहे। यातायात पुलिस अधिकारियों के द्वारा वाहन चैकिंग के दौरान चालानी कार्यवाही से ज्यादा ट्रेफि क मैनेजमेंट पर फ ोकर कर यातायात को सुगम बनाने हेतु निर्देशित किया गया।
माह में दो बैठकें लेना आवश्यक
जिला सड़क समिति की हर माह में दो बैठक- 1 वर्चुअल एवं 1 फि जिकल करने हेतु निर्देशित किया गया। गुड सेमेरिटन एक्ट के तहत गोल्डन अवर के भीतर सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति की जान बचाने वाले नेक व्यक्ति को पारितोषिक राशि व प्रशस्ति पत्र दिये जाने का प्रावधान है, इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु निर्देशित किया गया।
जागरूकता अभियान एक महत्वपूर्ण पहलू
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये जागरूकता अभियान एक महत्वपूर्ण पहलू है। जिलें के सभी होटल, ढाबा, पेट्रोल पम्प, बस स्टेण्ड साप्ताहिक बाजार एवं स्कूल, कॉलेज इत्यादि स्थानों पर प्रभावी जागरूकता अभियान चलाये जाने हेतु निर्देशित किया गया। यात्री बसों के बाहर प्रवेश एवं निर्गम दोनों दरवाजों के पास वाहन में बैठने की क्षमता लिखवाने हेतु निर्देशित किया गया, जिससे यात्रियों को बस की क्षमता ज्ञात हो सके एवं बस चालक,कंडेक्टर क्षमता से अधिक सवारी न बैठा सकें। यातायात दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में शहर वासियों को उनके मोबाईल पर अलर्ट मैसेज भेजने हेतु प्रावधान करने के निर्देश दिये गये। वर्तमान में बारिश का मौसम होने से अत्यधिक वर्षा के कारण कई स्थानों के नदी नालों मे बाढ़ आ जाने, वहां की पुलिया,रपटा,सड़क के पानी में डूब जाने की स्थिति उत्पन होने पर तत्काल पुलिस की व्यवस्था लगाकर यातायात रोकने व डायवर्ट करने हेतु निर्देशित किया गया ताकि नदी/नाले में उफ ान/बाढ आने पर कोई जन हानि न हो। निर्देशित किया गया कि माह अगस्त में पुन: यातायात दुर्घटनाओं की समीक्षा की जावेगी।