आरडीयू की बैठक में प्रोफसरों का दर्द: इतने प्रोजेक्ट ला रहे फिर भी समस्याएं नहीं सुनी जा रही है

जबलपुर। रानीदुर्गावती विश्वविद्यालय (आरडीयू)में प्रोफसरों का दर्द उस वक्त सामने आया जब सोमवार को कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र, कुलसचिव डॉ. बीके सिंह की उपस्थिति में वेतन व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। प्रोफसरों का कहना था कि वह इतने प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं बाबजूद उनकी समस्याओं को नहीं सुना जा रहा है सबसे बड़ी समस्या वेतन की है। बहुत से प्रोफसरों को सातवें वेतनमान के हिसाब से वेतन नहीं मिल रहा है।
प्रोफसरों ने बैठक में कहा कि पीएफ, ग्रेजुएटी ,पेंशन और एंश्योरेंस के पैसे का भुगतान करने में तकनीकी कारणों का हवाला देकर रोका जाता है। बैठक में बताया गया कि प्रोफेसर राजीव दुबे की बीमा राशि का अभी तक भुगतान नहीं हो सका है। मामले की गंभीरता को देखते हुए तय किया गया कि आवश्यक होने पर ग्रेजुएटी के अलावा किसी भी चीज का भुगतान अब नहीं रोका जाएगा।
डिजिटल सिग्नेचर करने होंगे
बैठक आहूत करने के पीछे मुख्य उद्देश्य विभागाध्यक्षों को आ रही समस्याओं का निराकरण करने हेतु बताया गया था। बैठक की शुरूआत में विभागाध्यक्षों को बताया गया कि इस बार स्कॉलर (छात्रवृत्ति) के आवेदनों में कोर्स कोड डाले जा रहे हैं। लिहाजा आवेदन को विभाग वार वैरिफाई किया जाना है, इसलिए विभागाध्यक्ष अपने डिजिटल सिग्नेचर उक्त फार्मों में करेंगे, लेकिन इस बात पर विभागाध्यक्षों ने अपने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने साफ कर दिया कि इस मामले को विश्वविद्यालय प्रशासन अपने स्तर पर ही निपटाए।