जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

भाजपा पूर्व सांसद नीता पटेरिया का ट्वीट: नई आबकारी नीति के तहत होम बार का निर्णय विसंगति पूर्ण

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जबलपुर ,यशभारत। म.प्र. की नई आबकारी नीति के तहत अब मध्यप्रदेश में घरों में शराब के लिए होम बार खोले जाने को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि नई आबकारी नीति विसंगतिपूर्ण है। इससे पारिवारिक संस्कृति प्रभावित होगी। इसके लिए आबकारी विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसी परिपेक्ष्य में सिवनी की पूर्व सांसद श्रीमती नीता पटैरिया का ट्वीट सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि भारतीय परिवारों की अपनी संस्कृति है,परंपराएं हैं, मयादज़एं हैं। लोग छोटे बड़ों का लिहाज करते हुए ही कोई काम करते हैं। पर अब म.प्र. की नई आबकारी नीति के मुताबिक होमबार खेले जा रहे हैं जो सवज़्था गलत फैसला है। अब होमवार खुलने से ये मयादज़एं तार-तार होंगी। नई आबकारी नीति में बदलाव जरुरी है। भारतीय परिवारों में खुले आम घरों में शराब नहीं पी जाती। अब होमवार खुलने पर यदि घर में शराब पी जाएगी तो सदस्यों पर इसका असर पड़ेगा। माताएं, बहिनों के साथ छोटे बच्चे भी मदिरा पान करते देखेंगे तो उन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। यह आबकारी विभाग की शीषज़्स्थ अधिकारी लगता है नहीं जानते ,तभी तो उन्होंने नई आबकारी नीति विसंगतिपूणज़् बनाई है।
पूर्व सांसद श्रीमती नीता पटैरिया का ट्वीट में एक कविता का भी प्रयोग किया
करोड़पति होने की शतज़् हटाओ इस बार ।
ताकि घर घर में खुल सके होमबार ।।
हर घर पत्नी, बच्चो पर हो वार ।।
सिसकें, टूटें, बिखरें परिवार ।।
आबकारी विभाग तेरी जय जयकार ।।

उन्होंने कहा कि आबकारी आयुक्त का यह बयान गले नहीं उतर रहा जिसमें उन्होंने कहा कि हमने पाकज़् तैयार कर दिया है, आना जाना लोगों की इच्छा हमने पाकज़् तैयार कर दिया है, सड़क भी बना दी। यह लोगों की इच्छा पर निभज़्र है कि वे आए या नहीं।

उल्लेखनीय है कि आबकारी नीति के तहत प्रदेश में होमबार लेने का खाता खुल गया। पहला लाइसेंस इंदौर के विनय केडिया ने लिया है। होमबार का मंहगा सौदा होने के कारण अबतक बाकी 51 जिलों में एक भी लाइसेंस नहीं लिया गया है। राज्य सरकार की नई आबकारी नीति में होमबार के लिए 50 हजार रु. वार्षिक लाइसेंस फीस लगेगी। लाइसेंस के लिए वही पात्र होंगे जिनके आयकर विवरण अनुसार एक करोड़ तक वाषिज़्क आय वाले अनुमानित दो हजार लोग है। लेकिन होमबार के लिए कई कारणों से लोग आगे नहीं आ रहे हैं। जैसे कि एक्साइज अफसरों को कभी भी इसे जांच करने का विकल्प खुला रहेगा। पिछले वषज़् सकल व्यक्तिगत आय कम से कम एक करोड़ रुपए रही हो। वषज़् 2022-23 के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया एक अप्रैल से प्रारंभ हो गई थी, 3 माह तक प्रदेश में एक भी लाइसेंस नहीं लिया गया।लाइसेंस पर होमबार में एक बार में अधिकतम 48 बॉटल शराब, 48 बॉटल बीयर, 48 बॉटल वाइन। एक ही ब्रांड की चार बॉटल शराब, 12 बॉटल बीयर और 12 बॉटल वाइन रख सकते हैं।

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