बिना डिमांड मरम्मत एवं रखरखाव के लिए स्कूलों को जारी कर दी राशि
जिला पंचायत शिक्षा समिति की बैठक में सभापति ने उठाया मुद्दा, अधिकारियों की जमकर खिंचाई
कटनी। जिले की शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। कहीं भवन नहीं है, तो कहीं शिक्षक नहीं है तो कहीं बच्चे नहीं है। विभाग प्रमुखों की सांठगांठ से सरकारी राशि का गोलमाल किया जा रहा है। विभागों में अधिकारी सालों से कुंडली मारकर जमे हुए है और राज्य सरकार से विभिन्न मदों से मिलने वाले बजट को ठिकाने लगाया जा रहा है। इन सभी मुद्दों को लेकर जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं जिला शिक्षा समिति के सभापति अशोक विश्वकर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में शिक्षा विभाग से जुड़े मुद्दों को लेकर सभापति एवं सदस्यों ने अधिकारियों की जमकर क्लास ली। सभापति एवं सदस्यों ने दो टूक कहा कि जिले में एजुकेशन सिस्टम को मजाक बना दिया गया है। जरूरतमंदों को शिक्षा के अधिकार से वंचित रखने का काम अफसर कर रहे हैं और अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं। सभापति अशोक विश्वकर्मा ने स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति, शाला भवन जर्जर होने, गारंटी पीरियड के बावजूद स्कूलों के लिए राशि जारी करने, राज्य शिक्षा केन्द्र के संलग्नीकरण समाप्त करने के आदेश का पालन कराने सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर अधिकारियों की जमकर खिंचाई की। उन्होंने कहा कि बैठक में अधिकारी आधी अधूरी जानकारी लेकर आते हैं। जो जानकारी मांगी जाती, वो नहीं दी जाती। शिक्षा विभाग द्वारा ऐसी शालाओं को भी राशि जारी की गई, जो कि गारंटी पीरियड में बन रही है। इसको लेकर सभापति ने डीईओ से सवाल किया लेकिन डीईओ जानकारी नहीं दे पाए। इसके अलावा रीठी तहसील के बडग़ांव में पदस्थ एक महिला शिक्षिका द्वारा बच्चों की उत्तर पुस्तिकाएं लिखने को लेकर उन्होंने अधिकारियों की जमकर खिंचाई की। उन्होंने डीईओ से जबाव मांगा तो डीईओ ने कहा कि शिकायत की जांच शुरू हो गई है और शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। बैठक में जिला पंचायत सदस्य प्रदीप त्रिपाठी, डीईओ पी पी सिंह, डीपीसी के के डेहरिया, बीईओ विजयराघवगढ़, एपीसी अभय जैन, बीईओ बहोरीबंद, बीआरसी बहोरीबंद, बीआरसीसी विजयराघवगढ़ सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति रही।जिला पंचायत सदस्य अजय गोटिया ने ढीमरखेड़ा विकासखंड के अंतर्गत खम्हरिया, भोपार सहित अन्य स्कूलों की जर्जर स्थिति का मुद्दा उठाया गया। जिस पर संबंधित अधिकारियों को भवन और भौतिक व्यवस्थाओं की सतत मॉनिटरिंग करते हुए कार्यवाही के निर्देश दिये गए।
बैठक में इन विषयों पर निर्णय, अधिकारियों को दिए गए निर्देश
सभापति अशोक विश्वकर्मा ने निर्देश दिए कि सहायक संचालक राजेश अग्रहरि एवं एपीसी अभय जैन को मूल विभाग में वापस भेजा जाए। विद्यालयों में वाणिज्य संकाय शुरू करने के लिए डीपीआई को पत्र लिखा जाए। छात्रावासों में पदस्थ सहायक वार्डनों एवं उपयंत्रियों के स्थान परिवर्तन किए जाएं। स्कूलों में आवश्यकता न होते हुए भी मरम्मत एवं रखरखाव के लिए बजट जारी कर शासन की राशि का दुरुपयोग किए जाने का मुद्दा उठाते हुए मामले की जांच के निर्देश दिए। 4 वर्षों से अधिक समय से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ बीआरसीसी, बीएसी, सीएसी, एपीसी को राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशों के आधार पर पुन: काउंसलिंग कराए जाने, लिपिकों के स्थान परिवर्तन, बीआरसी कार्यालय ढीमरखेड़ा में पदस्थ लिपिक, भृत्य का प्रभार बदलने, विद्यालयों को दी गई 4 लाख रुपए की राशि की विद्यालय वार जानकारी नहीं दिए जाने को लेकर अधिकारियों की जमकर खिंचाई की गई। जिन प्राथमिक शालाओं में 20 से कम दर्ज संख्या है, उन शालाओं को बंद कर युक्तियुक्त करण हेतु समिति के समक्ष प्रस्ताव पारित किया गया। माध्यमिक शाला चनेहटा को बंद कर प्राथमिक विद्यालय में मर्ज किए जाने के निर्देश सभापति द्वारा दिये गए। इसके अलावा वर्ष 2018-19 से समस्त वित्तीय अभिलेख, स्टेटमेंट, निर्माण और मरम्मत की जानकारी सहित प्राचार्यों की बैठक का आयोजन किये जाने के निर्देश सभापति द्वारा दिये गए। माध्यमिक विद्यालय नदी पार के मुख्य द्वार एवं जर्जर छत के सुधार के निर्देश दिये गए।