जबलपुरमध्य प्रदेश

दावों और वायदों के बीच अधर में लटके अतिथि शिक्षक, 4 महीने से नहीं मिला मानदेव

 

नरसिंहपुर/तेंदूखेड़ा यभाप्र। दावे और वादों के बीच लगभग राज्य के 72000 से अधिक अतिथि शिक्षकों का भविष्य अंधकार मय हो रहा है।हालात कुछ ऐसे है कि छात्रों के भविष्य को ज्ञान रूपी प्रकाश से प्रकाशित करने वाले अतिथि शिक्षक आज खुद चार महीने से मानदेय के अंधकार से जूझ रहे हैं।

 

 

जिसका कारण प्रदेश में बैठी मोहन सरकार के दावे व तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वादों के बीच लटक गई है। दरअसल विधानसभा चुनाव से पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि शिक्षकों के लिए कई बड़ी घोषणा की जिसमें अतिथि शिक्षकों को 50: आरक्षण के साथ उनके मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई, जिसमें वर्ग एक का मानदेय 9000 से बढ़कर 18000 कर दिया गया, तो वर्ग 2 के अतिथि शिक्षकों का मानदेय 7000 से 14000 कर दिया गया, तथा वर्ग तीन के अतिथि शिक्षकों से का मानदेय 5000 से बढ़कर 10000 कर दिया गया। इसके बाद अतिथि शिक्षकों ने राहत की सांस ली ऐसा लगा कि अब अतिथि शिक्षकों को भी वह सम्मान मिलेगा जो परमानेंट शिक्षकों को मिलता है।

 

लगभग सभी शासकीय स्कूलों में अधिकतर अतिथि शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं । कई स्कूल तो ऐसे हैं जहां की अतिथि शिक्षकों की बहुलता है और उनके माध्यम से स्कूल संचालित हो रहे हैं,कि नवीन स्कूलों में अतिथि शिक्षक को काफी अधिक है कई स्कूल तो ऐसे हैं जहां स्थाई शिक्षकों का अभाव है, बाकी सब अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं इसमें अधिकतर हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल भी शामिल है। उनके कुछ पिछले वर्षों का अध्यापन और कार्य देखा जाए तो बेहतर रहता है। किंतु बड़े दुर्भाग्य की बात है कि इन सब के बावजूद भी लंबे समय से अतिथि शिक्षक उपेक्षा का शिकार रहा है और अभी भी हो रहा है लगभग 15 वर्षों से कई अतिथि शिक्षक कार्यरत है और वह स्थाई शिक्षक की अपेक्षा काफी कम वेतन पर कार्य कर रहा है।

Related Articles

Back to top button
WhatsApp Icon Join Yashbharat App