जबलपुर में एसडीएम की धमकी से 80 साल के पिता को मिला न्यायः भरी कोर्ट में बेटे ने पैर धोकर मानी गलती, कान पकड़कर माफी मांगी

जबलपुर, यशभारत। सिहोरा की एसडीएम कोर्ट में जो हुआ वो शायद किसी कोर्ट में नहीं हुआ होगा। एक पु़त्र की अकल ठिकाने के लिए एसडीएम की कानूनी कार्रवाई की धमकी उस वक्त काम आई जब पुत्र ने भरी कोर्ट में पिता के पैर धुलकर माफी मांगी और कान पकड़कर दोबारा बुरा बर्ताव नहीं करने का वादा किया।

बताया जा रहा है कि इस मामले में एसडीएम आशीष पाण्डे की पुत्र को दी गई कानूनी कार्यवाही की चेतावनी और समझाइश का बड़ा असर पड़ा और उसने एसडीएम कोर्ट में ही पिता के पैर धोकर न केवल माफी मांगी बल्कि दोबारा ऐसी गलती न करने का वादा कर उन्हे अपने साथ घर लेकर भी गया। एसडीएम सिहोरा ने बताया कि हृदय नगर निवासी 80 वर्षीय आनंद गिरी ने उनके समक्ष लिखित में आवेदन प्रस्तुत कर पुत्र तामेश्वर गिरी एवं बहु सिलोचना द्वारा उसके साथ की जा रही ज्यादती की शिकायत की थी।
पुत्र ने गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की
वृद्ध आनंद गिरी ने शिकायत में बताया कि राज्य शासन द्वारा पट्टे पर दिये गये 750 वर्ग फुट के भूखण्ड पर बने उसके घर पर पुत्र द्वारा कब्जा कर लिया गया है। सेवा और परवरिश करने की बजाये उसके साथ मारपीट कर और गाली गलौंच कर घर से बाहर निकाल दिया गया हैं। अब वह यहां वहां भटक रहा हैं। एक बार पुत्र ने गला दबाकर उसे जान से मारने की कोशिश भी की लेकिन सौभागयवश वह बच गया। वृद्ध आनंद गिरी ने बताया कि मकान हड़पने के लिये पुत्र और बहु द्वारा कभी भी उस पर हमला कर जान से मारा जा सकता हैं।
पूरी जमीन बेच चुका है पुत्र
वृद्ध आनंद गिरी ने एसडीएम को दिये आवेदन में बताया कि उसका पुत्र तामेश्वर उसकी पूरी जमीन बेच चुका है और अब उसकी नियत उसके घर को बेचकर पूरे पैसे हडप जाने की है। आनंद गिरी ने आवेदन में कहा कि इस उम्र में अब वो कहीं नहीं जा सकता और वृद्धाश्रम में भी नहीं रहना चाहता, केवल अपने घर ही रहना चाहिता है, इसलिये उसके घर का कब्जा उसे वापस दिलाया जाये
कानूनी कार्रवाई से डरा पुत्र
एसडीएम सिहोरा ने बताया कि पिता और पुत्र के बीच आपसी विवाद के इस मामले में पुत्र तामेश्वर को नोटिस देकर बुलाया गया और उसे कानूनी कार्यवाही की चेतावनी देकर समझाईश भी दी गई। श्री पाण्डे ने बताया कि समझाईश और चेतावनी के बाद पुत्र ने पिता से अपने व्यवहार के लिये उनके पैर धोकर माफी मांगी। साथ ही दोबारा ऐसा व्यवहार न करने और पिता की सेवा करने का वादा भी किया। सहृदय पिता ने पुत्र द्वारा माफी मांग लिये जाने पर कोर्ट से अपना आवेदन वापस ले लिया और आगे की कार्यवाही न करने का आग्रह करते हुये संतुष्ट होकर खुशी से पुत्र के साथ अपने घर चला गया।