जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

जबलपुर-छिंदवाड़ा में पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते में खंजर : शक-चरित्र में समाप्त हो रहा है परिवार

  • आशीष शुक्ला,जबलपुर।
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पति-पत्नी का रिश्ता प्यार का है, सात फेरों के बाद भगवान को साक्षी मानकर 12 वचनों को जन्म जन्मातर तक निभाने का वादा एक-दूसरे से किया जाता है। लेकिन यहां जानकर हैरान होगी जबलपुर और छिंदवाड़ा जिले में इन वचनों को पूरा करने के पहले ही यह पवित्र रिश्ता टूट रहा है। जन्म जन्मतार तक एक साथ निभाने की वजाए एक-दूसरे पीठ पर खंजर घोंपा जा रहा है। 2021 से 2022 साल के पुलिस आंकड़े कह रहे हैं कि पति-पत्नी एक-दूसरे के खून के प्यासे है। आपसी तालमेल न होने और शक- चरित्र संदेह पर छिंदवाड़ा और जबलपुर में साल 2021 और मई 2022 सबसे ज्यादा 27 पति-पत्नी की हत्याएं हुई हैं।

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रिश्तों को संभालने की जरूरत है ,एक दूसरे को समझे
इन दो सालों में जबलपुर संभाग के दो जिले जबलपुर में 13 तो छिंदवाड़ा में 14 पत्नियों को मौत के घाट उतार दिया। इन सभी हत्याकांड में पुलिस खोजबीन और पड़ताल पर ही एक बात सामने आई है कि इनके रिश्तों में लंबे से खटास, रिश्तों को संभालने और एक दूसरों को समझने में देरी की गई। शक और चरित्र में पत्नियों को मौत की नींद सुला दिया गया। बात करें पतियों की हत्या की तो जबलपुर में साल 2021 से अब तक दो हत्याएं की गई है।

जबलपुर में 15 हत्याओं के मामले दर्ज
जबलपुर में पति-पत्नी की हत्याओं के 1 जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक एवं 1 जनवरी 2022 से 18 मई 2022 तक पंजीबद्ध किए गए वे अपराध जो पति और पत्नि के बीच घटित हुए 15 है। अपराधों का बारीकी से अध्ययन करने पर पाया गया कि समाजिक परिवेश में अर्थतंत्र और चरित्र शंका के साथ ही साथ अन्य वे कारण भी सम्मिलित है। जिसके कारण 15 घरों के दीपक बुझ गए, जबकि उन्हें दुनिया में नई शुरुआत करनी थी।

कटनी, छिंदबाड़ा, सिवनी और नरसिंहपुर में जबलपुर अव्वल
स्वच्छता अभियान या अन्य पुरुस्कारों की बात होती है, तब जबलपुर अक्सर पीछे रहता है, लेकिन अपराधों के गढ़ में तब्दील होती जा रही संस्कारधानी में अकेले 15 ऐसे मामले सामने आए है। जिमसें पांचों जिलों में जबलपुर जोन में अव्वल है।

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नरसिंहपुर और अन्य जिले बेहतर
पति और पत्नी के रिश्तों के बीच आई कड़वाहट के बाद घरेलु हिंसा के रास्ते हत्याकांड की वारदातों ने पूरे समाज को झकझोंर दिया है। जबलपुर संभाग में जहां अभी तक 45 पति-पत्नि हत्याकांड के मामले पंजीबद्ध हुए है। जिसमें पत्नियों ने 7 पतियों को ही मौत की नींद सुला दिया तो वहीं 38 पत्नियों की हत्या की गई है।

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क्या कहते है जबलपुर जोन के आंकड़े
अपराध मुक्त समाज का सपना अब केवल कोरा सपना ही बनकर रह गया है। आंकड़ों पर गौर करें तो पति और पत्नी के दर्ज प्रकरणों में जबलपुर में कुल 15 मामले दर्ज किए गए तो वहीं कटनी में 4 , छिंदबाड़ा में 15 व सिवनी में 7 तो वहीं नरसिंहपुर में 4 सनसनीखेज मामले प्रकाश में आए।

नरसिंहपुर में सबसे कम मामले
अपराधों की धुरी नरसिंहपुर की स्थिति इस मामले में राहत भरी है। यहां बीते करीब डेढ़ वर्ष में ऐसे केवल चार मामले सामने आए है।

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