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एक अप्रैल से बदल जाएगा म्यूचुअल फंड का यह नियम, सेबी ने जारी किया सर्कुलर

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बाजार नियामक सेबी ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को एक अहम आदेश दिया है। सेबी के आदेश के मुताबिक एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को नई फंड ऑफरिंग (NFO) के जरिए जुटाई गई पूरी रकम को 30 दिनों के भीतर निवेश करना होगा। वर्तमान में रकम के निवेश के लिए कोई समयसीमा नहीं है। यह व्यवस्था एक अप्रैल, 2025 से लागू होगी।

क्या है मकसद

 

सेबी की ओर से उठाए गए इस कदम का मकसद एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को NFO में केवल उतना ही राशि एकत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है जिनका उचित समय में उपयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही म्यूचुअल फंड के NFO की किसी भी गलत बिक्री को हतोत्साहित करना है।

क्या है सेबी के सर्कुलर में

 

सेबी ने एक सर्कुलर में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को राशि के उपयोग के संबंध में म्यूचुअल फंड से जुड़ी योजना सूचना दस्तावेज (एसआईडी) में समयसीमा का उल्लेख करने और उसके अनुसार NFO के जरिये राशि जुटाने के लिए कहा। किसी आसाधारण परिस्थिति के कारण यदि कंपनियां 30 कारोबारी दिनों में राशि का उपयोग करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एसेट मैनेजमेंट कंपनियों की निवेश समिति को फंड उपयोग करने के लिए किए गए प्रयासों के विवरण सहित लिखित रूप में कारण देना होगा। समिति समयसीमा को 30 कार्यदिवस तक बढ़ा सकती है। इसके साथ ही आगे चलकर 30 कार्यदिवस के भीतर उपयोग कैसे सुनिश्चित किया जाए इसपर भी सिफारिशें कर सकती है और इसकी निगरानी भी कर सकती है।

दिसंबर में मिली थी मंजूरी

 

यह संशोधन दिसंबर में सेबी निदेशक मंडल द्वारा एक प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद आया है। इसमें फंड मैनेजर्स को NFO के जरिये एकत्र राशि को योजना के तहत निर्धारित एसेट अलॉटमेंट के अनुसार, उपयोग करने को कहा गया था। नियामक ने कहा था कि यदि निर्धारित समयसीमा के भीतर राशि का उपयोग नहीं किया जाता है, तो निवेशकों के पास बिना कोई निकासी शुल्क दिये योजना से बाहर निकलने का विकल्प होगा।

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