यश भारत विशेष : दाईं सूंड वाले सिद्धि विनायक कौरगांव में है विराजमान : भक्तों के शत्रुओं को करते हैं पराजित, देते हैं विजय श्री का आशीर्वाद
मण्डला l मुख्यालय से महज 5 किमी दूर हिरदेनगर के मुख्य मार्ग में पडऩे वाला प्रसिद्ध ऐतिहासिक गांव जिसे कौरगांव के नाम से जाना जाता है प्राचीन धरोहर रामनगर के समकालीन के प्राचीन मोनी बाबा मंदिर में गणेश जी की अद्भुत प्रतिमा दाईं ओर घूमी सूंड वाले श्री गणेश जी की लगभग 6 फिट की मूर्ति पुरातन से स्थापित है। यह प्रतिमा सिद्ध प्रतिमा है। दाईं ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी हठी होते हैं। आमतौर पर ऐसी प्रतिमा घर और ऑफिस में नहीं रखी जाती है। इनको स्थापित करने पर कई धार्मिक रीतियों का पालन करना जरूरी होता है।
ऐसी प्रतिमा को देवालयों में स्थापित करके वहीं उनकी पूजा की जाती है। ऐसे गणेश जी का पूजन विघ्न-विनाश, शत्रु पराजय, विजय प्राप्ति, उग्र व शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए फलदायी माना जाता है। बताया गया कि दायीं ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी सिद्धि विनायक कहलाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इनके दर्शन से हर कार्य सिद्ध हो जाता है। किसी भी विशेष कार्य के लिए कहीं जाते समय यदि इनके दर्शन करें तो वह कार्य सफल हो जाता है और शुभ फल प्राप्त होता है।
वहीं घरों में विराजे गणेश जी इनके अलावा ग्रामीण अंचलों के गांवों में इन दिनों गणेश उत्सव धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा हैं। मुख्यालय के विभिन्न नगर व गांवों में भगवान श्री गणेशजी के विभिन्न स्वरूपों की मूर्तियां को तमाम बढ़े सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित कर भक्त गण भक्ति भाव एवं विधि विधान पूर्वक, श्रद्धापूर्वक भगवान श्री गणेश जी का पूजन कर रहे है। निर्विघ्नम भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी स्थापित की गई है। ग्रामवासियों के द्वारा उत्साह उमंग और भक्ति भाव से गणेश उत्सव मनाते हैं। इस उत्सव को उत्साह और धूमधाम पूर्वक मनाया जाता है।
मुड़ी सूंड के कारण कहलाते है वक्रतुण्ड
ज्ञान और बुद्धि के देवता गणेश जी सभी देवताओं में प्रथम पूज्य है। वे गणाधिपति हैं जिन्हें किसी दूसरे का आदेश मानने की मजबूरी नहीं। ये ऐसे देवता हैं जो हर प्रसंग में जीवन को शुभ-लाभ की दिशा देते हैं।
वे विघ्नहर्ता हैं मार्ग की सारी अड़चनों को दूर करने वाले। श्री गणेश की प्रतिमा लाने से पूर्व या घर में स्थापना से पूर्व यह सवाल सामने आता है कि श्री गणेशजी की सूंड किस तरफ होनी चाहिए क्या कभी आपने ध्यान दिया है कि भगवान गणेश की तस्वीरों और मूर्तियों में उनकी सूंड दाईं या कुछ में बाईं ओर होती है। सीधी सूंड वाले भगवान गणेश दुर्लभ हैं। इनकी एक तरफ मुड़ी हुई सूंड के कारण ही गणेश जी को वक्रतुण्ड कहा जाता है। भगवान गणेश के वक्रतुंड स्वरूप भी दो प्रकार के हैं। कुछ प्रतिमाओं में गणेशजी की सूंड बाईं ओर घूमी हुई होती है तो कुछ में दाईं ओर। गणपति जी की बाईं सूंड में चंद्रमा का और दाईं में सूर्य का प्रभाव माना गया है। गणेश जी की सीधी सूंड तीनों तरफ से दिखती है।