यश भारत का भोपाल में भव्य शुभारंभ: शंकराचार्य जी ने दिया आशीर्वाद, विवेक तन्खा ने भी की शिरकत
जगत गुरु स्वामी सदानंद सरस्वती जी ने किया लोकार्पण, राष्ट्र धर्म और एकता पर दिया जोर

आज भोपाल राजधानी में यश भारत का भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर आयोजित लोका अर्पण समारोह में जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी, द्वारका पीठाधीश्वर महाराज ने अपने आशीर्वचन से यश भारत परिवार को अनुग्रहित किया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा जी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने भी यश भारत के शुभारंभ के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।
शंकराचार्य जी ने अपने संबोधन में यश भारत के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे देवी भाव, मन की पूजा, मां का पालन और मां की सेवा का प्रतीक बताया, जो पुत्र को उन्नति के शिखर तक ले जाती है। उन्होंने यश भारत भोपाल के संस्थापक आशीष शुक्ला के कठिन परिश्रम की सराहना की और मनुष्य जीवन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने मनुष्य स्मृति के श्लोकों का उल्लेख करते हुए कहा कि 84 लाख योनियों के बाद प्राप्त इस जीवन में कठिन परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि मनुष्य रूप मिलना सौभाग्य है और हमें चुनौतियों का सामना करते हुए जीवन के उच्चतम शिखर तक पहुंचना चाहिए।
अपने संबोधन में शंकराचार्य जी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्र धर्म और एकता की भावना पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश की एकता सर्वोपरि है और हमें किसी भी ऐसी शक्ति से सावधान रहना चाहिए जो हमें आपस में लड़ाने की कोशिश करे। उन्होंने युवाओं को अपने गुरुजनों और पूर्वजों से संस्कार ग्रहण करने की प्रेरणा दी, जो जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी मार्ग दिखाते हैं।
उन्होंने अखबार के संपादकीय पृष्ठ के महत्व को भी रेखांकित किया और कहा कि यह निर्भीक होकर अपनी बात रखने का महत्वपूर्ण मंच होता है। अंत में जगत गुरु ने सभी आगंतुकों को धन्यवाद दिया और यश भारत परिवार को सफलता की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कैलाश में विराजमान भगवान शिव को नमन करते हुए अपनी वाणी को विराम दिया।