
यश भारत का मुंबई में विस्तार, विश्वास की पत्रकारिता का संकल्प,आशीष शुक्ला
मुंबई, यश भारत। यश भारत के प्रबंधक एवं संस्थापक आशीष शुक्ला ने मंच से अपने भावुक संबोधन में यश भारत की यात्रा, संघर्ष और विस्तार की कहानी साझा करते हुए कहा कि यश भारत का उदय 21 जनवरी 2007 को जबलपुर से हुआ था। उस समय मन में यह सवाल भी था कि यदि यह अखबार नहीं चला तो आगे क्या करूंगा, लेकिन ईश्वर, पाठकों और जबलपुरवासियों के आशीर्वाद से यश भारत न केवल जबलपुर में सफल हुआ, बल्कि अब मुंबई में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है।
आशीष शुक्ला ने कहा कि मुंबई में अखबार शुरू करने का विचार वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा के समक्ष रखा गया था। शुरुआत में संसाधनों और जानकारी की कमी थी, लेकिन तन्खा जी के आशीर्वाद से अंधेरी जैसे क्षेत्र में, जहां जाने की भी कभी कल्पना नहीं थी, वहां यश भारत का कार्यालय खुल सका। उन्होंने कहा कि आज मुंबई में यश भारत कार्यालय जबलपुर से आए लोगों के लिए एक छत बन गया है और इस कार्यक्रम में जबलपुर से 100 से 150 लोग पहुंचे हैं, यह मेरे लिए गर्व और भावुकता का विषय है।
उन्होंने आगे कहा कि जब भी राजन से चर्चा हुई, सभी ने मिलकर मुंबई में यश भारत को शुरू करने का संकल्प लिया। शंकराचार्य की उपस्थिति को उन्होंने अपने लिए सौभाग्य बताया और कहा कि शंकराचार्य ने स्वयं कार्यक्रम में आने का आश्वासन दिया और आज वे मुंबई में यश भारत के लोकार्पण कार्यक्रम में उपस्थित हैं।
संस्थापक आशीष शुक्ला ने मंच से सभी अतिथियों और उपस्थित जनों को प्रणाम करते हुए कहा कि यश भारत विश्वास की पत्रकारिता करेगा, सम्मान की पत्रकारिता करेगा और किसी का दिल दुखाने वाली पत्रकारिता कभी नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि मुंबई में यश भारत सफल होगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। अपने संबोधन में वे भावुक हो गए और कहा कि उन्हें तनाव इस बात का नहीं है कि सफलता मिलेगी या नहीं, बल्कि इस बात का है कि कहीं विश्वास न टूटे। दुनिया में सब कुछ हो सकता है, लेकिन विश्वास कभी नहीं टूटना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी यह है कि मेरे कारण जबलपुर से लोग अपना समय निकालकर यहां आए और आज सब एक छत के नीचे हैं।
अंत में आशीष शुक्ला ने सभी को प्रणाम करते हुए यह विश्वास दिलाया कि यश भारत सच्ची और अच्छी पत्रकारिता करता है और आगे भी करता रहेगा।







