
नई दिल्ली यशभारत। राज्य सभा सदस्य विवेक कृष्ण तन्खा ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सवाल करते हुए ग्रामीण विकास राज्य मंत्री से पूछा है कि कितने लोग इस योजना से वंचित है और कितनों को लाभ दिया गया है। राज्यसभा सदस्य के सवाल पर ग्रामीण विकास राज्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि देश के राज्यों में 3 लाख से ज्यादा लोगों को इस योजना का लाभ मिला है जबकि 2 करोड़ 95 लाख लोगों को इस योजना का लाभ देने के लिए लक्ष्य आवंटित किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय बुनियादी सुविधाओं के साथ 2. 95 करोड़ पक्के आवासों के निर्माण के समग्र लक्ष्य के साथ पात्र ग्रामीण परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए 1 अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण ;पीएमएवाई. लागू कर रहा है। इनमें से 2.94 करोड़ से अधिक आवासों को मंजूरी दी गई है और 02.02.2024 तक 2.55 करोड़ से अधिक आवासों का निर्माण किया गया है। ग्रामीण विकास राज्य मं़त्री ने कहा कि पीएमएवाई-जी के तहत लाभार्थियों की पहचान सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 के तहत निर्धारित आवास अभाव मापदंडों के आधार पर की जाती है। ग्राम सभा द्वारा उचित सत्यापन और अपीलीय प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ग्राम पंचायत वार स्थायी प्रतीक्षा सूची (पीडब्ल्यूएल) तैयार की जाती है। पीडब्ल्यूएल को अंतिम रूप देने के लिए ग्राम सभा की बैठकें आयोजित करने के लिए राज्योंध् संघ राज्य क्षेत्रों को एसईसीसी 2011 डेटाबेस से आवासों की स्वतः उत्पन्न प्राथमिकता सूची प्रदान की गई थी। 02.02.2024 तक, कुल 2.04 करोड़ परिवारों की पहचान की गई है और उन्हें एसईसीसी 2011 से पीडब्ल्यूएल में शामिल किया गया है। इसके अलावा, ऐसे परिवारों का विवरण, जिन्होंने दावा किया है कि वे एसईसीसी 2011 आधारित पीडब्ल्यूएल से बाहर हो गए हैं और पीडब्ल्यूएल में शामिल होने के लिए पात्र हैं, उन्हें जनवरी, 2018 से 7 मार्च, 2019 के दौरान आयोजित आवास सर्वेक्षण में राज्योंध्संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा शामिल कर लिया गया है। 91 लाख मकानों (2.95 करोड़ 2.04 करोड़) के अंतर को भरने के लिए, आवास डेटा का उपयोग किया गया है और राज्यों ध् संघ राज्य क्षेत्रों को समतुल्य लक्ष्य पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं।