विनायक चतुर्थी आज, जानें गणपति की पूजन विधि और दिव्य उपाय
Vinayak Chaturthi 2024: भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है. कोई भी मंत्र जाप अनुष्ठान गणेश जी की पूजा के बिना सफल नहीं होता है. इसीलिए हमारे शास्त्र में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व है. आज आषाढ़ माह विनायक चतुर्थी है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा से बड़े से बड़े विघ्न आसानी से टला जाता है. इसीलिए इन्हें विघ्नविनाशक भी कहते हैं. आइए आपको विनायक चतुर्थी पर गणेश पूजन और दिव्य उपाय बताते हैं.
विनायक चतुर्थी पर कैसे करें गणपति पूजन
सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान आदि करके लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें. उसके बाद भगवान गणेश के मंदिर में एक जटा वाला नारियल और मोदक प्रसाद के रूप में लेकर जाएं. उन्हें गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पण करें और ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 27 बार जाप करें तथा धूप दीप अर्पण करें.
दोपहर पूजन के समय अपने घर मे अपनी सामर्थ्य के अनुसार पीतल, तांबा, मिट्टी या सोने या फिर चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें. संकल्प के बाद पूजन कर श्री गणेश की आरती करें और मोदक बच्चों के बाट दें.
1. रुके धन प्राप्ति के लिए उपाय
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनकर गणेश जी की पूजा करें. भगवान गणेश को दूर्वा को बांधकर माला बनाकर अर्पित करें. साथ ही उन्हें शुद्ध घी और गुड़ का भोग लगाएं फिर “वक्रतुण्डाय हुं” मंत्र का 54 बार जाप करें. धन लाभ की प्रार्थना करें. थोड़ी देर बाद घी और गुड़ गाय को खिला दें या किसी निर्धन व्यक्ति को दें धन की समस्याएं दूर हो जाएंगी. ऐसा लगातार पांच विनायक चतुर्थी पर करें. ऐसा करने से आपका रुका हुआ धन जरूर मिलेगा.
2. संकटों के नाश के लिए उपाय
सुबह के समय पीले वस्त्र धारण करके भगवान गणेश के समक्ष बैठें उनके सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं. अपनी उम्र के बराबर लड्डू रखें फिर एक एक करके सारे लड्डू चढ़ाएं और हर लड्डू के साथ “गं” मंत्र जपते रहें. इसके बाद बाधा दूर करने की प्रार्थना करें और एक लड्डू स्वयं खा लें और बाकी लडडू बांट दें. भगवान सूर्यनारायण के सूर्याष्टक का गणेश जी के सामने 3 बार पाठ करें.
संतान की उन्नति के लिए उपाय
गणेश जी के सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं. गणेश जी को बेल पत्र बेलपत्र चढ़ाएं और लड्डू का भोग लगाएं. गणेश जी के सामने बैठकर “वक्रतुण्डाय हुं ” का 108 बार जाप करें. अगर संतान के साथ ये प्रयोग करें तो ज्यादा उत्तम होगा.