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जबलपुर मेडिकल अस्पताल में कैंसर मरीज से अमानवीय व्यवहार: दर्द से कराह रहे मरीज ने कहा मौत का इंजेक्शन लगा दो

 कैंसर मरीज की 9 घंटे के लंबे इंतजार के बाद हुई जांच,  - एमआरआई सेंटर पर चल रही भर्राशाही पर पंगु हो गया मेडिकल प्रशासन

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जबलपुर, यशभारत। महाकोशल के सबसे बड़े नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में कैंसर मरीज के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। एमआरआई सेंटर में मौजूद कैंसर मरीज के परिजनों के मुंह ये तक निकल आया कि यहां तो मानवता सेवा की शर्मसार किया जा रहा है । कैंसर मरीज को एमआरआई जांच के नाम पर एक नहीं पूरे 9 घंटे प्रताड़ित किया गया। सरकारी चिकित्सा व्यवस्था बगैर लाठी देख और दर्द से कराह रहे कैंसर मरीज ने आखिरी में ये कह दिया कि उसे मौत का इंजेक्शन लगा दिया जाए। इसके बाबजूद एमआरआई सेंटर में मौजूद स्टाफ का दिल नहीं पसीजा और अपनी मर्जी के अनुसार ही मरीज की जांच की गई।

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ये मामला ऐसे समझे

गढ़ा निवासी संजय को कुछ दिन पूर्व गले में कैंसर की शिकायत पर मेडिकल अस्पताल के वार्ड नंबर 13 और पलंग नंबर 33 में भर्ती किया गया। संजय का इलाज डाॅक्टर कर रहे हैं,गुरूवार को डाॅक्टर ने संजय की एमआरआई जांच लिखी। डाॅक्टर की पर्ची लेकर संजय के परिजन एमआरआई सेंटर पहंुचे तो वहां मौजूद स्टाफ ने पहले तो एक दिन बाद जांच करने का कहकर जाने को कहा। परिजनों ने बताया कि व्यक्ति कैंसर का मरीज है और इसकी जांच आज ही होना आवश्यक है यह सुनकर एमआरआई सेंटर स्टाफ आग बबूला हो गया और पूरे 10 घंटे के बाद कैंसर मरीज की एमआरआई जांच की गई।

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एमआरआई सेंटर दलाली का अड्डा

मेडिकल परिसर की जमीन में खुले एमआरआई सेंटर पर मरीज को प्रताड़ना का पहला केस नहीं है रोजाना मरीजों को जांच के नाम पर जानवरों जैसा सुलूक किया जाता है, सरकारी खर्च पर जांच कराने वाले मरीज को इतना प्रताड़ित किया जाता है कि उसके परिजन मजबूर होकर एमआरआई सेंटर के स्टाफ को रिश्वत देने विवश हो जाते हैं। एमआरआई सेंटर दलाली का अड्डा बन चुका है। रिश्वत देने वाले परिजनों के मरीज की जांच पहले होती है और जो रिश्वत नहीं देता है उस मरीज को घंटो बैठाकर जंाच कराई जाती है।

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एमआरआई सेंटर पर नियंत्रण नहीं तो मेडिकल अफसर किस काम के

एमआरआई सेंटर पर मची भर्राशाही आज की नहीं है सालों से जांच के नाम पर गोरखधंधा फल-फूल रहा है। इस काले कारनामंे में जहां दलाल सक्रिय है तो वहीं मेडिकल अस्पताल और काॅलेज के जिम्मेदारी अधिकारी भी लिप्त है। कहा जाता है कि दलाली का एक हिस्सा अधिकारियों तक भी पहंुचता है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि एमआरआई सेंटर पर जांच के नाम प्रताड़ना का खेल रोज हो रहा है इसके बाबजूद मेडिकल के अफसर मुंह पर कपड़ा बांधकर नौकरी कर रहे हैं, आखिर क्यों इनके द्वारा एमआरआई सेंटर के कर्ता-धर्ताओं पर कार्रवाई नहीं होती है। अगर ये कार्रवाई नहीं कर सकते हैं तो फिर किस काम के लिए कुर्सी संभाली जा रही है।

मेडिकल अस्पताल में भर्राशाही की खबर यहां पर भेजें

मेडिकल अस्पताल से जुड़ी अव्यवस्थाओं की जानकारी इस 9589321521 पर दी जा सकती है, हम सरकारी अस्पताल में हो रही भर्राशाही और मरीजों की आवाज सरकार तक पहंुचाएंगे।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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