नकली जेवर रेहन रखकर लिया लोन, HDFC बैंक को लगाया दो करोड़ का चूना
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JABALPUR. देश के निजी बैंकों में प्रसिद्ध एचडीएफसी बैंक को कुछ शातिर लोगों ने 2 करोड़ का चूना लगाया है। खास बात यह है कि इस जालसाजी में बैंक का उप परीक्षक ही लिप्त था, जिसके जिम्मे रेहन रखे जाने वाले जेवरों की जांच का जिम्मा था। बैंक प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
यह है मामला
दरअसल एचडीएफसी बैंक की अलग-अलग ब्रांचों में नकली जेवरात गिरवी रखकर 1 करोड़ 99 लाख रुपए का लोन लिया गया। बैंक के ऑडिट में जब जेवरातों की शुद्धता पर संदेह हुआ तो उनकी जांच कराई गई। जिसके बाद बैंक प्रबंधन भी दंग रह गया, क्योंकि रहन पर रखे गए जेवर नकली पाए गए। रांझी थाना प्रभारी नीलेश दोहरे ने बताया है कि एचडीएफसी बैंक की सिविल लाइन शाखा से गोहलपुर निवासी मनोज पटेल ने 19 लाख 48 हजार रुपए, कछपुरा निवासी राहुल यादव ने 2 लाख 74 हजार रुपए का गोल्ड लोन लिया था।
बैंक ऑडिट में जब इनके द्वारा गिरवी रखे गए जेवरातों पर संदेह हुआ तो जांच कराने पर सभी जेवरात नकली निकले। जब हर केस की जांच की गई तो पता चला कि विवेक कुमार झारिया, गौरव रंजन के मामलों में भी यही धांधली निकली। जांच में यह बात भी सामने आई कि बैंक की सिविल लाइन, अधारताल, रांझी, धनवंतरी नगर और तिलहरी शाखा में नकली आभूषण अमानत के तौर पर रखकर कुल एक करोड 99 लाख 76 हजार रुपए के 83 लोन लिया गया है।
जांच करने वाला भी जालसाजी में शामिल
दरअसल बैंक में जेवरात गिरवी रखने के पूर्व बैंक द्वारा नियुक्त उप परीक्षक से जेवरात की जांच कराई जाती है। जांच में पता चला कि बैंक के उप परीक्षक सत्यप्रकाश सोनी ने ही जेवरात की जांच की थी। जिसके बाद से उसकी भूमिका संदेह में आ गई थी। मामले में पुलिस ने उप परीक्षक सत्यप्रकाश सोनी समेत अंकित सैनी, पंकज विश्वकर्मा, शुभम साहू समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। फिलहाल अंकित और पंकज की गिरफ्तारी की जा चुकी है।