जबलपुर

जिंदा बमों के जखीरों से अभी भी घिरा है कबाड़ गोदाम

एनआईए की जांच में पुलिस के साथ आयुध निर्माणी खमरिया के अधिकारी भी जद में

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अधिकारियों की शमीम से मिलीभगत की आशंका की जा रही व्यक्त

एनआईए की जांच में पुलिस के साथ आयुध निर्माणी खमरिया के अधिकारी भी जद में

मुख्य आरोपी शमीम अब भी पुलिस से दूर

जबलपुर,यशभारत। खजरी खिरिया स्थित हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद शमीम के कबाड़ के गोदाम में कितनें सालों से बड़ी मात्रा में आयुध निर्माणी के बमों में से बारूद एकत्रित ेकरके रखा था और क्यों इतना बारूद एकत्रित किया गया था.. इस सवाल का जवाब किसी भी जिम्मेदार अधिकारी के पास अभी तक नहीं है । मामले की राष्ट्रीय स्तर की एजेंसियां भी अपने स्तर पर रिपोर्ट तैयार कर दिल्ली वापस हो चुकीं हैं लेकिन इस सवाल का जवाब उनके पास भी अभी नहीं है। सवाल एक ये भी है इतने सालों से कबाड़ के गोदाम में बड़ी मात्रा में बारूद था तो फिर पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने कबाड़ के गोदाम की जांच क्यों नहीं की.. बहरहाल इन सभी के बीच पुलिस, आयुध निर्माणी खमरिया के अधिकारी-कर्मचारियों की फरार हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद शमीम से मिलीभगत की आशंका जाहिर की जा रही है। नतीजा ये है कि अभी भी शमीम पुलिस गिरफ्त से दूर है। विस्फोट मामले की जांच कर रही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने जबलपुर पुलिस और आयुध निर्माणी खमरिया को भी जांच के दायरे में रखा है।

राष्ट्रीय स्तर की एजेंसियां कर रहीं है जांच
जानकारी के अनुसार शमीम के कबाड़ गोदाम में अभी भी करीब डेढ़ हजार से अधिक बम मौजूद हैं जिनमें कई जिंदा भी है। क्योंकि अगर जिंदा बम नहीं होते तो सीओडी, बीडीडीएस और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के बम निरोधक दस्ते द्वारा सामान्य प्रक्रिया के तहत उन्हें निष्क्रिय कर दिया जाता। अभी तक कबाड़ के गोदाम में 125 एमएम के अलावा 30 एमएम के ढाई हजार बम के खोल मिले थे जिनमें से 30 एमएम के करीब एक हजार बमों के खोखों को खमरिया की सीओडी की टीम अपने साथ निष्क्रिय करने ले गई थी। इसके पहले भी एनएसजी के बम निरोधक दस्ते द्वारा बहुत से बमों के खोखों को नष्ट किया गया था। और कबाड़ गोदाम में बमों के मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। विदित हो कि विगत 25 अप्रैल को अधारताल खजरी खिरिया स्थित कबाड़ के गोदाम में भीषण विस्फोट हुआ था जिसमें दो मजदूरों की मौत की पुष्टि प्रशासन द्वारा की गई थी।
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