एनएसजी के बम निरोधक दस्ते की अगुवाई में होगी कार्यवाही
जबलपुर,यशभारत। खजरी खिरिया स्थित हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद शमीम के कबाड़ गोदाम से मिले बमों के खोखों और एक्सपायरी डेट के बमों को नष्ट करने की प्रक्रिया एनएसजी टीम द्वारा आज मंगलवार को कबाड़खाने के गोदाम में पूरी होने जा रही है। जानकारी के अनुसार कबाड़ गोदाम में एक बड़ा कुआं खोदकर आयुध निर्माणियों के स्क्रैप, एक्सपायरी डेट के बम और उनके खोखों को उस गहरे गड्ढे में भरा जाएगा जिसके उपर से रेत की बोरियां डाली जाएंगी। इसके बाद बमों को नष्ट करने की प्रक्रिया पूरी होगी। एनएसजी की टीम ने पुलिस प्रशासन से रात में ही बड़ी संख्या में रेत की बोरियों बुलाकर रख लीं थीं। इस पूरी प्रक्रिया के बाद होने वाले धमाके से किसी प्रकार की कोई क्षति न हो इसके लिए प्रोटोकॉल का पालन भी किया जाएगा। उधर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और एनएसजी की टीम ने जबलपुर पुलिस और आयुध निर्माणियों से दिन-ब-दिन हादसे व शमीम से जुड़ी जानकारी एकत्रित करनी शुरू कर दी है। विदित हो कि गत दिवस डीआईजी ने शमीम की गिरफ्तारी पर 15 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया था।
जिंदा बम बना विस्फोट का कारण
विगत 25 अप्रैल को खजरी खिरिया स्थित एमएस रजा मेटल इंडस्ट्री में जो भीषण हादसा हुआ है वो जिंदा बम से हुआ है। जांच दल द्वारा की जाने वाली जांच में सामने आ रहा है कि शमीम द्वारा आयुध निर्माणियों से जो स्क्रैप बुलाया गया था उसमें जिंदा बम था और इसी बम के कारण विस्फोट हुआ है।
निर्माणियों के बम घटना स्थल से मिले थे
जानकारी के अनुसार घटनास्थल से बड़ी संख्या में आर्मी में इस्तेमाल होने वाले बम सेल (खाली खोखे) मिले हैं। माना जा रहा है कि बम सेल जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया (ओएफके) (आयुध निर्माणी खमरिया सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो) या फिर सेना के लॉन्ग प्रूफ फायरिंग रेंज से लाए गए हैं। उधर दूसरी तरफ आयुध निर्माणियों के अधिकारियों का दावा है कि जिस वजह से विस्फोट हुआ वो बम सेल उनके यहां के नहीं थे।
कहीं पाकिस्तान में जाकर तो नहीं छिप गया शमीम….
जबलपुर पुलिस मोहम्मद शमीम की धरपकड़ के लिए लगातार प्रयास कर रही हे। पुलिस की कई टीमें शमीम को पकड़ने लगी हुईं हैं लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लगा है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि कहीं शमीम पाकिस्तान में जाकर तो नहीं छिप गया है। क्योंकि उसके बेटे फहीम की शादी पाकिस्तान की लड़की से हुई है।
तोप के गोले बनाने वाले बारूद से हुआ था विस्फोट
एनएसजी , नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के बम निरोधक दस्ते द्वारा अभी तक की गई जांच में ये आशंका व्यक्त की गई है कि कबाड़ गोदाम में जिस बारूद से विस्फोट हुआ है उसका नाम ट्राई नाइट्रो टूलीन यानि टीएनटी है। इसका मुख्य उपयोग तोप के गोले, हथ गोले और हवाई बमों को बनाने के लिए किया जाता है।
मौत के पहले कबाड़ गोदाम में जाते दिखे दोनों मजदूर
खजरी खिरिया बायपास स्थित शमीम के कबाड़ गोदाम में विगत 25 अप्रैल की दोपहर करीब 12.15 बजे हुए भीषण विस्फोट हादसे से जुड़े सीसी कैमरे के फुटेज जांच टीम के सामने आए हैं। ये फुटेज मोहम्मद शमीम के ऑफिस में लगे सीसी कैमरे की डीवीआर से मिले हैं। फुटेज में स्पष्ट तौर पर देखा गया है कि शमीम घटना के दिन सुबह कबाड़ गोदाम पहुंचा था और कबाड़ गोदाम में करीब 7 मजदूर दीवार के पीछे काम कर रहे थे। विस्फोट होने के बाद सभी ये 7 मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचा ली थी। फुटेज के अनुसार मजदूर भोलाराम 25 अप्रैल की सुबह 9 बजकर 18 मिनिट पर और खलील सुबह 11 बजकर 44 मिनिट पर कबाड़ गोदाम के अंदर काम करने आते दिखे हैं।
सिंडीकेट के जरिए कबाड़ गोदाम में आते थे स्क्रैप
1 मई तक पुलिस रिमांड पर लिए गए आरोपी सुल्तान अली और शमीम के बेटे फहीम ने अभी तक जो बयान दिए हैं उससे साफ हो गया है कि मोहम्मद शमीम ने आयुध निर्माणियों से स्क्रैप खरीदने एक सिंडीकेट बनाकर रखा था। शमीम के इशारे पर ही सिंडीकेट में शामिल कबाड़ी नीलामी का सामान खरीदने-बेचने का काम करते थे।
अपनों के अंतिम संस्कार के लिए बेहाल परिजन
अपने लोगों की पहचान और उनके अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहे मृत मजदूरों के परिजनों का हाल बेहाल है। उधर पुलिस द्वारा घटना स्थल से जो मानव अंग मिले हैं उन्हें डीएनए के लिए भेज दिया गया है। लेकिन परिजन अब भी गौर निवासी भोलाराम और आनंद नगर निवासी खलील के शवों के इंतजार में आंखें बिछाए हुए बैठे हैं।
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