पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीमा पर तनाव बढ़ा, भारत ने उठाए कड़े कदम

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीमा पर तनाव बढ़ा, भारत ने उठाए कड़े कदम
श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी, जिसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं।
जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें केंद्र शासित प्रदेश की मौजूदा सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से सीमा पार से होने वाली आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए और कठोर कदम उठाने का आग्रह किया है।
इस बीच, एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में, श्रीलंका की राजधानी कोलंबो के एक हवाई अड्डे पर उस समय हड़कंप मच गया जब अधिकारियों को यह सूचना मिली कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल छह संदिग्ध एक विमान में सवार हैं। हालांकि, गहन तलाशी के बाद ऐसी कोई संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति नहीं पाया गया। यह घटना खुफिया एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान और आतंकी खतरों को लेकर संवेदनशीलता को दर्शाती है।
सीमा पर, नियंत्रण रेखा (LoC) पर स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है। पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा लगातार नौवीं रात भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया। उन्होंने जम्मू और कश्मीर के पांच अलग-अलग क्षेत्रों में बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिक अब संभावित गोलाबारी से सुरक्षा के लिए अपने सामुदायिक और व्यक्तिगत बंकरों की सफाई और मरम्मत में जुट गए हैं, जो क्षेत्र में व्याप्त डर और अनिश्चितता को दर्शाता है।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े आर्थिक और राजनयिक कदम उठाए हैं। भारत ने तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान से होने वाले सभी प्रकार के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अतिरिक्त, भारतीय जलक्षेत्र में पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। डाक और पार्सल सेवाओं को भी अगली सूचना तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इन कदमों को पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देना बंद करने का दबाव बनाने की रणनीति के तहत देखा जा रहा है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), जो पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही है, ने अपनी पड़ताल का दायरा बढ़ा दिया है। अब जांच दल सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे माछिल, केरान, नौगाम, बारामूला और उरी तक भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। माना जा रहा है कि हमलावरों ने इन रास्तों का इस्तेमाल घुसपैठ के लिए किया होगा, और एनआईए स्थानीय संपर्कों और संभावित मददगारों की तलाश में है।
साइबर स्पेस भी इस तनाव से अछूता नहीं है। भारत में पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार के एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा, कई पाकिस्तानी कलाकारों और खिलाड़ियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स भी भारत में अब दिखाई नहीं दे रहे हैं। यह कदम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के दुरुपयोग और भारत विरोधी प्रचार को रोकने के प्रयासों का हिस्सा है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। यूनाइटेड किंगडम ने पहलगाम में हुए “घृणित” आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की है और सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है। अन्य देशों से भी इसी तरह की प्रतिक्रियाएं आने की उम्मीद है, क्योंकि यह हमला क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करता है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद के घटनाक्रमों ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही नाजुक रिश्तों को और जटिल बना दिया है। सीमा पर लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन और भारत द्वारा उठाए गए कड़े कदमों से यह स्पष्ट है कि निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की संभावना कम है। क्षेत्र में रहने वाले आम नागरिक इस बढ़ते तनाव और अनिश्चितता के माहौल में भयभीत हैं और शांति की बहाली के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। सरकार पर अब यह जिम्मेदारी है कि वह न केवल आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा और कल्याण भी सुनिश्चित करे।