जबलपुरमध्य प्रदेश

पराली से आएगी खुशहाली अन्नदाता बनेंगे ऊर्जा दाता

मानव स्वास्थ्य पर पड़ेगा बहुत अच्छा प्रभाव

क्यों जलाएं चलो कमाए धान की पराली धान की फसल कटाई के बाद जो फसल अवशेष बचते हैं वह धान की फसल से लगभग प्रति एकड़ 2000 किलो बायोमास धान का निकलता है जिससे लगभग 200 किलोग्राम कप्रेस्ड बायोगैस CBG बनकर तैयार होगी एवं उसके अलावा लगभग 1200 किलो कंपोस्ट खाद बनकर तैयार होगी यह कंपोस्ट खाद उच्च गुणवत्ता युक्त फसलों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर होती है कंपोस्ट खाद को भारत सरकार ने FCO फर्टिलाइजर कंट्रोल एक्ट में ले लिया है इस कंपोस्ट खाद जिसमें ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा लगभग 50% तक होती है एवं इस खाद में पौधों के लिए उपयोगी अन्य पोषक तत्व भी होते हैं

विदित हो कि पराली जलाना पूरे भारतवर्ष में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली एवं भूमि को बंजर करने वाली समस्या से सारा भारत ग्रसित इस हेतु सरकार ने भी बहुत सख्त कदम उठाए हैं और किसानों पर भी सख्ती की है लेकिन इस समस्या के लिए केवल हमारे किसान भाई ही दोषी नहीं है हमारे पूर्व सरकारों की नीतियां भी दोषी थी जिन्होंने पराली के प्रबंधन के लिए कुछ भी नहीं किया लेकिन वर्तमान समय में हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश के वैज्ञानिकों से आह्वान किया हमारे देश के वैज्ञानिको ने इस समस्या का एक बहुत ही अच्छा समाधान खोज लिया है पराली से यानी की फसलों के अवशेष से वायो कंप्रेस्ड गैस CBG जो की वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल की जाएगी जिससे दो फायदे हैं जहां पर पराली जलाने की समस्या से समाधान मिलेगा वही पर्यावरण प्रदूषण से सुरक्षा होगी और साथ ही साथ किसानों की भूमि की उपजाऊ क्षमता जो पराली जलाने से खराब हो रही है

इस प्लांट से निकलने वाली कामपोस्ट खाद से हमारे किसानों के खेतों की मिट्टी में जो ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा में भारी कमी हो गई है उसकी भी पूर्ति होगी एवं किसानों के खेतों की भूमि की संरचना मैं व्यापक सुधार होगा और सबसे बड़ा फायदा जो है भारत वाहन के इंधनों के मामले में आत्मनिर्भर होगा जैसा की भारत की बढ़ती हुई ताकत को देखकर अमेरिका जैसे देश भारत के पेट्रोलियम पदार्थ में रुकावट डालने के लिए प्रयासरत है अतः अब समय आ गया है कि हम सब कंधे से कंधा मिलाकर परली का उच्च कोटि का प्रबंध करें और उससे उत्पन्न होने वाले बायोमास से कप्रेस्ड बायोगैस कब्ज बनाएं जो हमारे देश की वाहनों के ईंधन की जरूरत को पूरा करेगा और उसके बाद उसे जो उच्च क्वालिटी की कंपोस्ट खाद प्राप्त होगी वह हमारे खेतों की उपजाऊ क्षमता को दुगना करेगी जिससे हमारे खेती में रासायनिक खादो पर निर्भरता भी कम होगी और विदेशों से आयात पर जो भारी भरकम खर्च होता है वह कम होगा किसान भाई जैविक खेती की और आकर्षित होंगे. हमारे देश के नागरिकों को कम रासायनिक खाद वाला उच्च गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थ मिलेंगे जिससे मानव शरीर पर रासायनिक खादो के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं

कैंसर, शुगर, BP, जैसी बीमारियां बड़े पैमाने पर फैल रही है वह भी कम होंगे और मानव स्वास्थ्य पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा अतः जबलपुर जिले के समस्त जन प्रतिनिधियो से विनम्र अनुरोध है कि शीघ्र जबलपुर में भी कंप्रेस्ड बायो गेस CBG प्लांट शीघ्र शुरू करने हेतु प्रयास किए जाएं हमारे यहां धान, मक्का एवं अन्य फसलों की फसल अवशेष बायोमास से CBG का निर्माण हो जिससे हमारे शहर में किसानों को पराली जलाने की आवश्यकता ना पड़े पर्यावरण सुरक्षित रहे किसानों की जमीन सुरक्षित रहे उनको कंप्रेस बायोगैस बनने के बाद जो उच्च कोटि की जैविक खाद मिलेगी उसे हमारे खेतों की उर्वरा शक्ति बड़े अतः फार्मर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा जिले मैं शोध से बोध अभियान चलाकर किसानो को पराली जलाकर वाहनों के ईंधन एवं इससे बनने वाली कंपोस्ट खाद की उपयोगिता महत्व को समझाया जाएगा समस्त जनप्रतिनिधियो शासन प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि एक बड़ी कार्यशाला किसानों के अवेयरनेस के लिए की जाए व CBG प्लांट की शुरुआत जिले में शीघ्र की जाए।

बृजेश दत्त अरजरिया प्रमंडल सदस्य जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर

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